आज राष्ट्रीय खेल दिवस है। यह दिन मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था। खेल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उनको याद करते हुए कहा, आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता है। पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि 41 साल बाद भारतीय हॉकी में नई जान देखने को मिली है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने नया नारा देते हुए कहा, अब खेलें भी और खिलें भी।
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ध्यानचंद को याद करते हुए आगे कहा, मैं सोच रहा था कि शायद, इस समय मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा जहां भी होगी, बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करती होगी, क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीम के किए गए शानदार प्रदर्शन को याद करते हुए उन्होंने कहा, चार दशक बाद, क़रीब-क़रीब 41 साल के बाद, भारत के नौजवान बेटे और बेटियों ने हॉकी के अन्दर फिर से एक बार जान भर दी।
पीएम ने आगे कहा, कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक चार दशक बाद मिला। कांस्य पदक मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया था। प्रधानमंत्री के मुताबिक, आज जब हमें देश के नौजवानों में हमारे बेटे-बेटियों में, खेल के प्रति जो आकर्षण नजर आ रहा है, माता-पिता को भी बच्चे अगर खेल में आगे जा रहे हैं तो खुशी हो रही है, ये जो ललक दिख रही है न मैं समझता हूँ यही मेजर ध्यानचंद जी को बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है।
खेलों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, साथियो जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है, और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि युवा का मन बदल चुका है, और आज का युवा मन घिसे-पिटे पुराने तौर तरीकों से कुछ नया करना चाहता है, हटकर के करना चाहता है, आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता, वो नए रास्ते बनाना चाहता है, अनजान जगह पर कदम रखना चाहता है।
ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए हुए उन्होंने कहा, इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है, ओलंपिक खेल के पूरा होने के बाद अब पैरालंपिक चल रहा है देश को हमारे इस खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, विश्व की तुलना में भले कम होगा, लेकिन विश्वास भरने के लिए तो बहुत कुछ हुआ। पीएम ने आगे कहा कि आज का युवा सिर्फ स्पोर्ट्स की तरफ देख रहा है ऐसा नहीं है लेकिन वह उससे जुड़ी संभावनाओं की तरफ देख रहा है।
पीएम ने कहा, अब देश में खेल, खेल-कूद, अब रुकना नहीं है | इस मोमेंटम को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थायी बनाना है, ऊर्जा से भर देना है, निरन्तर नई ऊर्जा से भरना है। मेरे प्यारे नौजवानों, हमें, इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के खेलों में महारत भी हासिल करनी चाहिए। सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वह ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा जिसका वो हकदार है, गाँव-गाँव खेलों की स्पर्धाएँ निरंतर चलती रहनी चाहिए।