पुरानी निजी कारों को स्कूल कैब के रूप में चला सकेंगे, दिल्ली परिवहन विभाग नई पॉलिसी पर कर रहा काम
नई दिल्ली: पुराने वाहन मालिकों के लिए अच्छी खबर है। वाहन मालिक अब अब पुराने निजी वाहनों को स्कूल कैब श्रेणी में पंजीकरण कराकर चला सकेंगे। राजधानी दिल्ली में स्कूल कैब की कमी ना हो, इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है। दिल्ली परिवहन विभाग नई स्कूल कैब पॉलिसी पर काम कर रहा है, जिसमें यह प्रावधान किया जा रहा है।
हालांकि, वह निजी वाहन 15 साल से पुराने नहीं होने चाहिए और सीएनजी ईंधन से चलते हों। उसमें बच्चों के बैठने की क्षमता उस वाहन के कुल क्षमता का डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी। दिल्ली में वर्तमान में 32 हजार से अधिक स्कूल कैब बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रही हैं। इसमें स्कूल कैब श्रेणी में पंजीकृत वाहनों की संख्या करीब नौ हजार है।
विभाग ने इसे रोकने के लिए कई बार अभियान चलाया, लेकिन अभिभावकों की परेशानी के चलते पीछे हटना पड़ा। दिल्ली में नए स्कूल कैब पंजीकरण को लेकर भी तकनीकी अड़चन है, जिसके चलते पुराने वाहनों को स्कूल कैब श्रेणी में पंजीकरण कराकर चलाने की छूट दे रही है।
दिल्ली में यदि वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को स्क्रैप कराते हैं और नया वाहन खरीदते हैं तो उसके पंजीकरण में उन्हें टैक्स में 25 फीसदी की छूट मिलेगी। बशर्ते, उन्हें वह सर्टिफिकेशन ऑफ डिपॉजिट पेश करना होगा, जो स्क्रैपिंग के दौरान उन्हें मिलता है। राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर पाबंदी है। दिल्ली में इस तरह के फिलहाल 38 लाख से अधिक वाहन हैं। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार रियायत देने पर काम कर रही है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी को दिल्ली में भी लागू करेंगे। उसमें जो प्रावधान होंगे, उन्हें दिल्ली में भी लागू किया जाएगा। केंद्र की स्क्रैप पॉलिसी में ही राज्यों को वाहन मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए सड़क कर में 25 फीसदी तक छूट का प्रावधान है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने सड़क कर में छूट को पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।