Online Property Registration: 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन कानून में बदलाव, अब घर बैठे ऑनलाइन होगी आपके नाम प्रॉपर्टी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिससे आम लोगों के लिए अपने नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करना और भी आसान हो जाएगा। 117 साल पुराने पुराने रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन करते हुए सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इससे न केवल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि दस्तावेजों की सुरक्षा और सत्यता भी सुनिश्चित होगी। डिजिटल तकनीक के इस दौर में यह बदलाव धोखाधड़ी को कम करने और नागरिकों को अधिक पारदर्शिता प्रदान करने में मदद करेगा। आने वाले समय में यह नया कानून पूरे देश में लागू होने से प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने की प्रक्रिया और भी सरल और सुरक्षित हो जाएगी।
इस नए कानून के तहत देश भर में प्रॉपर्टी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों जैसे Registration of Agreement to Sell, Sale Certificate, Power of Attorney और Equitable Mortgage का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, आधार आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम को भी प्रस्तावित किया गया है, जहां नागरिकों की सहमति से ही उनके आधार नंबर का उपयोग होगा, और जो इसे साझा नहीं करना चाहते, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था रहेगी।
सरकार डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करने और दस्तावेजों का इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखरखाव भी सुनिश्चित करेगी, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बन सकेगी। यह कदम धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को कम करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भूमि संसाधन विभाग ने बताया कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए इस बदलाव की जरूरत महसूस हुई है। विभाग ने आम जनता से भी इस ड्राफ्ट पर सुझाव आमंत्रित किए हैं, ताकि एक आधुनिक और भरोसेमंद प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रणाली विकसित की जा सके।
यह प्रस्ताव प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री को सरल, सुरक्षित और त्वरित बनाने के साथ ही, पूरे देश में एक समान और प्रभावी कानून लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।