जीवनशैली

टूथपेस्ट की सिर्फ इतनी मात्रा है पर्याप्त, न ज्यादा, न कम

ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर उन्हें अपने दांतों को सफेद, चमकदार और मजबूत बनाना है तो उन्हें ढेर सारा टूथपेस्ट इस्तेमाल करना चाहिए और इसके लिए वे अपने टूथब्रश के ब्रिसल्स पर भरकर टूथपेस्ट लगाते हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि आप टूथपेस्ट के साथ-साथ अपने दांतों को भी बर्बाद कर रहे हैं।

छोटे बच्चों के लिए चावल के दाने बराबर पेस्ट
दांतों को साफ करने के लिए प्रचूर मात्रा में टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने की गलतफहमी फैलाने के लिए केवल टूथपेस्ट के विज्ञापन जिम्मेदार हैं। हकीकत यह है कि अपने दांतो को सही तरीके से साफ करने के लिए महज मटर के दाने जितना टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना ही काफी है। अगर 6 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों की बात करें तो टूथपेस्ट की मात्रा चावल के दाने जितनी होनी चाहिए।

बच्चों को हो सकती है फ्लोरोसिस बीमारी
जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। टूथपेस्ट की कम मात्रा का इस्तेमाल इसलिए करना चाहिए क्योंकि ब्रश करते वक्त बहुत से बच्चे टूथपेस्ट की कुछ मात्रा को निगल लेते हैं, जिसके कारण उन्हें फ्लोरोसिस की बीमारी हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें फ्लोराइड की अधिक मात्रा की वजह से दांतो पर भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं। हालांकि वयस्कों में बहुत अधिक फ्लोराइड के इस्तेमाल से कोई बीमारी नहीं होती लेकिन टूथपेस्ट का अधिक इस्तेमाल करने पर टूथपेस्ट बर्बाद होता है क्योंकि दांतों को सही तरीके से साफ करने के लिए टूथब्रश के ब्रिसल्स का सही होना जरूरी है बहुत अधिक टूथपेस्ट का नहीं।

मटर के दाने के बराबर टूथपेस्ट है पर्याप्त
अपने दांतो को मोती की तरह चमकदार बनाए रखने के लिए आपको मटर के दाने से अधिक टूथपेस्ट इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। टूथपेस्ट का मुख्य उद्देश्य दांतों को फ्लोराइड और कुछ मामलों में सफेदी मुहैया कराना है, ना इससे ज्यादा और ना ही इससे कम।

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