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चाय पीना छोड़ दे पाकिस्तान तो नहीं मांगनी पड़ेगी ‘भीख, चाय इंपोर्ट पर बड़ी रकम खर्च करता है पाक

नई दिल्ली : पाकिस्तान अब तक के अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. आवाम को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है और सरकार इस संकट से उबरने के लिए इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की राह देख रही है. वेंटिलेटर पर पड़ी पाकिस्तान की इकोनॉमी को ऑक्सीजन अब कर्ज से ही मिल सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार पास इकोनॉमी की उखड़ती सांस को काबू में करने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है. हर रोज बद से बदतर हो रहे हालात के बीच पिछले दिनों पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो ने चाय से जुड़ा एक आंकड़ा जारी किया. उस आंकड़े पर नजर डालें, तो अगर पाकिस्तान दो साल तक चाय पीना बंद कर दे, तो वो उतनी रकम बचा लेगा जितनी उसे IMF से फिलहाल दरकार है.

पिछले एक दशक में पाकिस्तान में चाय की कीमतें तीन गुना बढ़ी हैं. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, चाय लोगों के बटुए पर अधिक चोट कर रही है. पाकिस्तान में एक कप चाय की औसत कीमत 50 रुपये होती है. अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन तीन कप चाय का सेवन करता है, तो यह कीमत बढ़कर 4,500 रुपये प्रति माह हो जाती है. एक ऐसे देश में जहां न्यूनतम मजदूरी 15,000 रुपये है, वहां एक व्यक्ति अपनी आय का 30 फीसदी हिस्सा महीने में चाय पीने पर खर्च कर सकता है.

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