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इजराइल के स्वतंत्र होते ही पैदा हो गया था फिलिस्तीन-इजराइल विवाद, जानें पूरा इतिहास…

नई दिल्ली (गौरव ममगाई): इजराइल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले हमास ने इजराइल पर ताबड़तोड़ हमले कर इजराइल की संप्रभुता को चुनौती दी, बदले में अब देने इजराइल भी हमास को जड़ से खत्म करने पर इतना अड़ा हुआ है कि वह आमजन की जानों की भी परवाह नहीं कर रहा है.

गाजा पट्टी में पैदा हुआ खाद्य संकट भी चिंता का कारण बन रहा है. बता दें कि इजराइल ने सैन्य आपरेशन के कारण खाद्य आपूर्ति को काफ़ी हद तक रोका हुआ है, जिससे लोगों के पास खाने, अस्पतालों में दवाएं व आवश्यक सामान का संकट पैदा हो रहा है. इस विवाद से राजनीतिक अस्थिरता तो बढ़ी है, मानवता को भी खतरा पैदा हुआ है.

दो ध्रुवों में बंटे पश्चिमी व मुस्लिम देश : इजराइल-हमास के बीच चल रही लड़ाई ने दुनिया को दो ध्रुवों में बांट दिया है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत अन्य पश्चिमी देश इजराइल के साथ हैं, जबकि फिलिस्तीन, ईरान, तुर्किये, रूस, पाकिस्तान, मिस्र, सऊदी अरब समेत अन्य मुस्लिम बहुल देश हमास का समर्थन कर रहे हैं.

जब 1948 में स्वतंत्र हुआ इजराइल , तब पैदा हुआ विवादः

इस विवाद का कारण यहूदी व मुस्लिमों के बीच चली आ रही जंग है. प्रथम विश्व युद्ध (1917) के समय ब्रिटेन ने ‘बाल्फोर घोषणा’ का ऐलान किया, इसमें यहूदियों के लिए नेशनल होम (राष्ट्रीय गृह) की स्थापना करने की आवश्यकता बताई गई.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1947 में यूनाइटेड नेशन ने फिलीस्तीन को दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा, इसमें एक राष्ट्र यहूदी व दूसरा राष्ट्र मुस्लिम देश के रूप में प्रस्तावित था. फिलिस्तीन ने इसे मानने से इनकार कर दिया था.

1948 में आखिरकार यहूदियों ने खुद के अलग राष्ट्र होने की घोषणा कर दी, जिसका नाम इजराइल रखा गया. इसे फिलिस्तीन ने मानने से इनकार किया. तभी से इजराइल व फिलिस्तीन के बीच विवाद चला आ रहा है. इजराइल को अलग देश के रूप में मान्यता देने का अरब देश विरोध करते हैं, जबकि अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देश इसका समर्थन करते हैं.

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