हल्द्वानी: सीमित संसाधनों में कोरोना ड्यूटी कर रहे डिप्लोमा फार्मासिस्ट व्यवस्थाओं के खिलाफ हो चले हैं। उनका कहना है कि बिना किसी प्रावधान के फार्मासिस्टों से इंडोर ड्यूटी कराई जा रही है। केवल एक पीपीई किट में ड्यूटी करनी पड़ रही है। उनकी मांग है कि पिछले तीन माह से लगातार ड्यूटी कर रहे फाॅर्मासिस्टों को अब आराम दिया जाना चाहिए।
डिप्लोमा फाॅर्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड ने व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कहा कि कोविड केअर अस्पतालों और सेंटरों में केवल डॉक्टर और फाॅर्मासिस्ट से ही ड्यूटी कराई जा रही है। इनमें मुख्य रूप से इंडोर कार्य ही होने हैं जो कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना संभव नहीं। जबकि इंडोर कार्यों में फार्मासिस्टों की ड्यूटी लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। ये कार्य स्टाफ नर्स का होता है।
लगातार ड्यूटी से फार्मासिस्टों को आराम दिया जाना चाहिए और आउटसोर्स से फार्मासिस्टों की नियुक्ति की जानी चाहिए। एसोसिएशन ने कहा कि ड्यूटी कर रहे फार्मासिस्टों को एन 95 मास्क देने में भी कोताही बरती जा रही है। मामले में एसोसिएशन की ओर से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय को चार सूत्री ज्ञापन भी भेजा है। जिसमें कहा गया है कि यदि व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो संगठन विरोधात्मक कदम उठाएगा।