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PM मोदी शेख हसीना से बोले, रोहिंग्याओं का लंबे समय तक रुकना ठीक नहीं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से द्विपक्षीय वार्ता के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि रोहिंग्याओं के लिए कहीं लंबे समय तक रुकना ठीक नहीं है। उन्हें वापस लौटना होगा। पीएम ने हसीना को बताया कि भारत ने इनकी सामाजिक आर्थिक मदद के लिए हर जरूरी कदम उठाया है और अब तक करीब 120 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने इस दिशा में बांग्लादेश द्वारा उठाए कदमों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी वापसी के लिए बांग्लादेश को और अधिक काम करने की जरूरत है। इस पर हसीना ने बांग्लादेश द्वारा रोहिंग्याओं के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान हसीना ने एनआरसी का मुद्दा भी उठाया। इस पर भारत ने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है। पूरी कवायद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर और उसकी निगरानी में हुई। अब क्या परिस्थिति बनती है देखना होगा।

आतंकवाद के खिलाफ बांग्लादेश सरकार की सख्त नीतियों और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के दृढ़ प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी मोदी ने शेख हसीना की सराहना की। इस पर हसीना ने कहा, भारत और बांग्लादेश के संबंध पांच साल में और मजबूत हुए हैं। हमने समुद्री सुरक्षा, एटमी ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में अच्छा काम किया है।

हमारी दोस्ती उदाहरण
बांग्लादेश और भारत की दोस्ती नई ऊर्जा के साथ बढ़ रही है, यह खुशी की बात है। हमारे बीच बढ़ता सहयोग दुनिया के लिए मिसाल बनेगा। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

भारत बांग्लादेश के बीच हुए सात करार
भारत और बांग्लादेश के बीच शनिवार को सात नए करार हुए। इनमें तीन नई परियोजनाएं भी शामिल हैं जिनका दोनों प्रधानमंत्रियों ने उद्घाटन किया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एलपीजी आयात योजना है जिसके तहत बांग्लादेश से आने वाली एलपीजी का पूर्वोत्तर राज्यों में वितरण किया जाएगा। इसके अलावा वीडियो लिंक से मोदी और हसीना ने ढाका स्थित रामकृष्ण मिशन में विवेकानंद भवन और खुलना स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में बांग्लादेश-भारत व्यावसायिक कौशल विकास संस्थान का शुभारंभ किया।

मोदी ने कहा, दोनों देशों के बीच हुए करार जल संसाधन, संस्कृति, शिक्षा, युवाओं के मामले और क्षेत्रीय तटीय निगरानी में भागीदारी बढ़ाएंगे। एक साल में दोनों देशों के बीच 12 परियोजनाएं शुरू हुईं। दोनों देशों के बीच तटीय निगरानी रडार प्रणाली को लेकर हुए समझौते के तहत भारत में लगभग दो दर्जन तटीय निगरानी रडार स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। एक अन्य समझौते के तहत भारत से माल आवाजाही के लिए चटोग्राम और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग की सुविधा मिलेगी।

त्रिपुरा के सबरूम शहर के लिए बांग्लादेश की फेनी नदी से 1.82 क्यूसेक पानी लेने पर भी समझौता हुआ। दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराधमुक्त सीमा सुनिश्चित करने के लिए सीमा प्रबंधन पर जोर दिया। इसके लिए संबंधित सीमा बलों को जल्द से जल्द दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी लंबित क्षेत्रों में सीमा बाड़ लगाने का निर्देश दिया गया है।

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