प्रधानमंत्री गुजरात से हैं तो आप उसका गुस्सा अडानी, अंबानी पर क्यों डाल रहे – हार्दिक पटेल
अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) से पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले हार्दिक पटेल (Hardik Patel News) ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस से इस्तीफा देने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस पर मुझे जो भरोसा था, उसपर न वो खरे उतरे न मैं खरा उतर पाया। न मुझे काम करने का मौका मिला न उन्होंने मुझे कभी काम दिया… हमने काम मांगा तभी तो उनको समस्या आ गई, अगर पद मांगा होता तो शायद दे देते। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई उद्योगपति अपनी मेहनत से बना है, अगर कोई उद्योगपति मेहनत करता है तो हम उसपर ये लांछन नहीं लगा सकते कि सरकार उसको मदद कर रही है। हर मुद्दे पर आप अडानी, अंबानी को गाली नहीं दे सकते। अगर प्रधानमंत्री गुजरात से हैं तो आप उसका गुस्सा अडानी, अंबानी पर क्यों डाल रहे हैं।
कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्होंने पार्टी में अपने तीन साल बर्बाद कर दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) या भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने पर कोई निर्णय नहीं लिया है। पटेल (28) ने पत्रकार वार्ता के दौरान, अयोध्या मामले में बीजेपी की भूमिका की सराहना की और अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के लिए भी पार्टी की प्रशंसा की।
‘गुजराती लोगों से पक्षपात करते हैं कांग्रेस के नेता’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई दृष्टिकोण नहीं है और पार्टी के नेता गुजराती लोगों से पक्षपात करते हैं। गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पटेल ने बुधवार को यह कहते हुए कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं का ध्यान अपने मोबाइल फोन में लगा रहता है और गुजरात कांग्रेस के नेता उनके लिए चिकन सैंडविच का प्रबंध करने में लगे रहते हैं।
किसी पार्टी में शामिल होने से किया इनकार
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी या आप में शामिल हो सकते हैं, पटेल ने कहा कि मैंने अभी तक किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है चाहे वह भाजपा हो या आप। मैं जो भी फैसला लूंगा, जनता के हितों को देखते हुए लूंगा। पटेल के अनुसार, कांग्रेस से उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि जुलाई 2020 में पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद उन्हें कोई सार्थक भूमिका नहीं दी गई।
‘कभी हिंदुओं के मुद्दों पर कुछ नहीं बोलती कांग्रेस’
उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन (जिसका नेतृत्व पटेल ने किया था) के कारण बहुत फायदा हुआ था। लेकिन कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। मुझे पार्टी की अहम बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता था। पार्टी ने तीन साल में मेरी एक प्रेस वार्ता तक आयोजित नहीं की। कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कभी हिंदुओं के मुद्दों, जैसे कि सीएए या वाराणसी की मस्जिद में मिले (कथित) शिवलिंग आदि पर कुछ नहीं बोलती।