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पीएम मोदी ने की नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत, क्या है योजना और इसके फायदे

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को लॉन्च कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को लॉन्च किया। इसकी मदद से मरीज और डॉक्टर अपने रिकॉर्ड्स चेक कर सकते हैं। इसमें डॉक्टर्स, नर्स समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का रजिस्ट्रेशन होगा, अस्पताल-क्लीनिक-मेडिकल स्टोर्स का रजिस्ट्रेशन होगा। पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक लोगों को किसी दूसरी जगह इलाज के लिए जाने पर अपना पूरा मेडिकल इतिहास ले जाना पड़ता है, लेकिन जब ऐसी सुविधाएं डिजिटली होंगी तब लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी मदद मिलेगी।

राशन से लेकर प्रशासन तक सब डिजिटल

पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया अभियान बारे में बताते हुए कहा कि इसने देश के सामान्य नागरिक की ताकत बढ़ा दी है। आज हमारे देश के पास 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल यूजर, 80 करोड़ इंटरनेट यूजर, 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं। ऐसा दुनिया में कहीं नहीं है। आज राशन से लेकर प्रशासन तक सब डिजिटल हो गया है।

वैक्सीनेशन में आगे बढ़ रहा है भारत

पीएम मोदी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली, इसके साथ ही भारत सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन दे रहा है. अबतक 90 करोड़ वैक्सीन लग पाई हैं और इसमें को-विन का बहुत बड़ा रोल है. प्रधानमंत्री बोले कि कोरोना काल में टेलिमेडिसिन ने भी सभी की मदद की है, आयुष्मान योजना के तहत अबतक दो करोड़ देशवासी मुफ्त इलाज करवा चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पहले कई गरीब ऐसे थे, जो अस्पताल जाने से बचते थे लेकिन आयुष्मान भारत आने के कारण उनका ये डर दूर हो गया है.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में दौरे के दौरान वह आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से मिलते रहते हैं. पीएम मोदी बोले कि पिछले तीन साल में सरकार ने लाखों-करोड़ों रुपये सिर्फ गरीब की चिंताएं दूर करने के लिए की हैं. सरकार की ओर से देश के वर्तमान और भविष्य में एक बड़ा निवेश किया जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक लोगों को किसी दूसरी जगह इलाज के लिए जाने पर अपना पूरा मेडिकल इतिहास ले जाना पड़ता है, लेकिन जब ऐसी सुविधाएं डिजिटली होंगी तब लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी मदद मिलेगी.

कैसे मिलेगी सुविधा

हर व्यक्ति की हेल्थ आईडी में उसकी पूरी मेडिकल जानकारी सेव की जाएगी। ऐसे में जब भी वह इलाज कराने जाएगा, तब डॉक्टर उसकी हेल्थ आईडी में सेव जानकारी के आधार पर उसके बारे में कई बातें पहले ही पता कर लेंगे और उसी हिसाब से टेस्ट कराएंगे। उन्हें एक ही टेस्ट बार-बार कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी है तो उसके बारे में भी इस आईडी में जानकारी रहेगी। इससे डॉक्टर इलाज के समय उस बीमारी और उससे होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में भी पता कर सकेंगे। कुल मिलाकर इसमें आपकी हेल्थ का पूरा चिट्ठा रहेगा, जिसको देखकर डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के बारे में काफी कुछ पता कर सकेंगे।

6 केंद्र शासित प्रदेशों में होगी शुरुआत

पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना का ऐलान किया था। प्रारंभिक चरण में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों मेंलागू किया जा रहा है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ पर एनडीएचएम की राष्ट्रव्यापी शुरूआत की जा रही है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी उपस्थित रहेंगे।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में सेव होगी जानकारी

जन धन, आधार और मोबाइल ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के चलते देश में पहले ही डिजिटल ढांचा तैयार हो चुका है। इसी के आधार पर एनडीएचएम हर व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करेगा। साथ ही एक वाइड रेंज के प्रोविजन के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा। इस प्लेटफॉर्म की मदद से इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज के साथ-साथ स्टैंडर्ड बेस्ड डिजिटल सिस्टम का लाभ मिलेगा।

बनेगा सबका हेल्थ अकाउंट
एनडीएचएम के तहत प्रत्येक नागरिक की एक हेल्थ आईडी होगी जो उनके हेल्थ अकाउंट के रूप में भी कार्य करेगी। एक एप्लीकेशन की मदद से व्यक्तिगत हेल्थ रिकॉर्ड जोड़ा और देखा जा सकता है। इसमें हर मरीज का डेटा होगा, जिसका उपयोग हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्री भी कर सकेंगे। डॉक्यरों के अलावा अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी इससे आसानी होगी।

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