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काशी के आतिथ्य से गदगद हुए पीएम शेर बहादुर देउबा

बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के बाद काशी के पशुपतिनाथ मंदिर में भी दर्शन किए और नेपाल की सुख समृद्धि और शांति की कामना, वृद्धाश्रम के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारम्भ किया, पत्नी बोलीं, दोनों देशों के बीच और गहरा हो संबंध

सुरेश गांधी

वाराणसी : नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। दौरे के आखिरी दिन वे काशी पहुंचे, जहां खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इस दौरान देउबा एवं उनकी पत्नी ने सीएम योगी के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। पूजा-अर्चना के दौरान भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार शंख, डमरू और बेल पत्र की माला से उनका स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंगवस्त्रम रुद्राक्ष की माला, प्रसाद के साथ स्मृति चिन्ह के रूप में बाबा श्री काशी विश्वनाथ की एक रेप्लिका भेंट की। काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद नेपाल के पीएम ने काशी के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए। नेपाली मंदिर में नेपाली ब्राह्मण होने की वजह से मन्दिर अर्चक टेक नारायण बीच-बीच में नेपाली शब्दों में मंत्रोच्चार करते दिखे। यहां उन्होंने पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री ने पशुपतिनाथ मंदिर में बनने वाले वृद्ध आश्रम का भूमि पूजन किया। पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष स्वामी ओंकारानंद, सचिव गोपाल अधिकारी और मैनेजर रोहित कुमार ने अंगवस्त्रम और प्रसाद भेंट किया। नेपाल के प्रधानमंत्री ने वृद्ध आश्रम में रह रही महिलाओं और विद्यार्थियों से कुशल क्षेम पूछा और मंदिर में सरकार की ओर से सुविधाओं को बढ़ाने का आश्वासन दिया।

मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यों का उद्घाटन भी किया। साथ ही सीएम योगी के साथ मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। पशुपतिनाथ मंदिर का रखरखाव नेपाल सरकार की ओर से किया जाता है। इस दौरान नेपाल के पीएम की पत्नी आरजू राणा और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। पीएम की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की जमकर तारीफ की है। बता दें कि देउबा शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। जुलाई 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी इस तरह की पहली विदेश यात्रा है। आज अपनी आधिकारिक यात्रा के अंतिम दिन वे प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाराणसी आए थे। काशी विश्वनाथ मंदिर में देउबा का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। सीएम योगी के साथ उन्होंने काशी कॉरिडोर का भी मुआयना किया. कॉरिडोर की भव्यता देख देउबा अभिभूत नजर आए।

पोस्टर और होर्डिंग्स से सजीं वाराणसी की सड़कें
वाराणसी की सड़कें देउबा के पोस्टर और होर्डिंग्स से सजी नजर आईं। नन्हें-मुन्ने बच्चे दोनों देशों (भारत और नेपाल) के राष्ट्रीय ध्वज के साथ खड़े नजर आए। स्कूली छात्रों और सामाजिक संस्थाओं की ओर से उनका स्वागत रास्ते भर किया गया। सर्किट हाउस के ठीक सामने लगे मंच पर अयोध्या से आए माता प्रसाद वर्मा और शीतला प्रसाद वर्मा के साथ बीस कलाकार पारंपरिक ड्रेस में अवधी लोक नृत्य फरूवाही की प्रस्तुति करते रहे। वहीं इसी मंच पर ललितपुर से आए कलाकार धर्मेंद्र कुमार ने बुंदेली सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक राई नृत्य करके नेपाली प्रधानमंत्री सहित यूपी के सीएम का स्वागत किया। इस दौरान सभी कलाकारों के हाथों में भारतीय और नेपाली झंडे फहरते रहे। रास्ते में सांस्कृतिक आयोजनों से भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंध भी स्पष्ट तौर पर परिलक्षित हो रहे थे। हाथों में भारत और नेपाल के झंडों को लेकर भारत नेपाल मैत्री को लेकर काशी अनोखे नेपाली रंग में रंगी नजर आई।

मजबूत होगी रिश्तों की नींव : योगी
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा का दौरा भारत-नेपाल के सांस्कृतिक रिश्तों को नई मजबूती प्रदान करने वाला माना जा रहा है। देउबा के साथ द्विपक्षीय वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार नेपाल के साथ विकास का संबंध भी मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सदियों से दोनों देशों के बीच में धार्मिक व सांस्कृतिक रिश्ता रहा है। उन विरासतों के संरक्षण के साथ अब विकास के आयाम पर दोनों सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए। नदेसर स्थित ताज होटल में करीब 45 मिनट तक बैठक में विभिन्न मुद्दों पर वार्ता हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या-जनकपुर और काशी विश्वनाथ-पशुपति नाथ का रिश्ता काफी प्राचीन है। इन रिश्तों के जरिए अब दोनों देशों के युवाओं को रोजगार और आधारभूत विकास पर भी जोर देना होगा। मुख्यमंत्री ने रामायण सर्किट व बुद्ध सर्किट की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ये महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को नेपाल तक विस्तार किया जा सकता है। सीएम ने प्रधानमंत्री को आश्वास्त किया कि प्रदेश से सटी नेपाल की सीमाओं पर सरकार हमेशा नेपाल की मदद करेगी। नेपाली पीएम ने योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। एयरपोर्ट पर नेपाल के प्रधानमंत्री की आगवानी के लिए मंत्री रविन्द्र जायसवाल, मेयर मृदुला जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, विधायक अवधेश सिंह ने सीएम योगी के साथ स्वागत किया।

मंदिर परिक्षेत्र में बसता है लघु नेपाल
वाराणसी में पशुपतिनाथ मंदिर के तौर पर नेपाली मंदिर जाना जाता है। हिमालयी परंपराओं के तौर पर यह मंदिर नेपाल का प्रतिनिधित्व भी करता है। प्रधानमंत्री के इस आगमन के दौरान मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्रा, विशेष कार्याधिकारी उमेश कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में जिले के अधिकारी उपस्थित रहे।

अब भव्य नजर आता है काशी विश्वनाथ मंदिर : आरजू राणा
पीएम शेर बहादुर देउबा की पत्नी आरजू राणा देउबा ने काशी और नेपाल के संबंध में खुलकर बात किया। उन्होंने कहा, ’पीएम मोदी और सीएम योगी का बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं। यहां की जनता ने हमारा भव्य रूप से स्वागत किया है। भारत और नेपाल के बीच बहुत नजदीक का संबंध है। मुझे नहीं लगता कि कोई दो देशों के बीच इतना गहरा संबंध हो सकता है। विजिटर बुक में नेपाल के पीएम ने अपना संदेश भी दर्ज किया। अपने लगभग पांच घंटे के काशी प्रवास के दौरान नेपाल के पीएम की पूरी काशी यात्रा धर्म और आध्यात्म से युक्त रही। उन्होंने कहा कि पहले संकरी गलियां थीं अब काशी विश्वनाथ मंदिर भव्य नजर आता है। आरजू राणा ने देउबा ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से, भारत और नेपाल एक ही हैं। नेपाल में, काशी को एक ऐसी जगह के रूप में देखा जाता है, जहां अगर आप अपनी अंतिम सांस लेते हैं, तो आप को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मेरे पति यहां गर्मजोशी से भरे स्वागत से बहुत प्रभावित हुए हैं, हम स्वागत से काफी अभिभूत हैं।

काशी की गलियों के बारे में अपना अनुभव बताया कि जब मैं पहले आई थी तो काफी संकरी गलियां थीं और हम मंदिर (काशी विश्वनाथ) तक पहुंचने के लिए एक लंबा रास्ता तय करते थे। अब यह बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है। काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर काफी शानदार दिखता है, सबसे अच्छी बात यह है कि यहां से पूरी गंगा नदी साफ दिखाई देती हैं। आरजू राणा देउबा ने बनारस से अपना नाता जोड़ा और यहां हुए बदलावों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह पहली बार 1990 में बनारस आईं थीं। इसके बाद 2017 में फिर एक रिश्तेदार के मुंडन कार्यक्रम में यहां आने का मौका मिला। नेपाल के पीएम की पत्नी ने कहा कि अब वह पांच साल बाद फिर से यहां आईं हैं तो आसमान-जमीन का अंतर नजर आ रहा है।

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