टोक्यो ओलंपिक के पोस्टपोन या रद्द होने से इतने करोड़ का होगा नुकसान
स्पोर्ट्स डेस्क : कोरोना के चलते टोक्यो ओलंपिक एक साल तक पोस्टपोन हो गया था. वही इस साल टोक्यो ओलंपिक के आयोजन की संभावना जताई जा रही है. इसी बीच जापान में हाल ही में हुए पब्लिक ओपिनियन पोल के मुताबिक 80 फीसदी से अधिक जापानी नागरिक चाहते हैं कि इस वर्ष होने वाले टोक्यो ओलंपिक या तो पोस्टपोन किया जाए या कैंसिल किया जाए.
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अगर ऐसा हुआ तो इकोनॉमिस्ट के अनुसार, टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक रद्द होने पर 4.5 ट्रिलियन येन (करीब 3.15 लाख करोड़ रु.) का जापान की इकोनॉमी को नुकसान होगा. इसमें सरकार, आयोजन समिति, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर, रिटेल आउटलेट को होने वाला नुकसान भी है.
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इस बीच आयोजकों ने गेम्स के टेस्ट इवेंट एक महीने के लिये आगे बढ़ाये है. पहले ये मार्च में होने थे और अब अप्रैल में शुरू होंगे. इसमें फाइनल आर्टिस्टिक स्विमिंग क्वालिफायर 4 से 7 मार्च तक होने थे जो जापान में इमरजेंसी की वजह ट्रैवल बैन को देखते हुए 1 से 4 मई तक होंगे.
जानकारी के अनुसार टोक्यो ओलंपिक और पैरालिंपिक गेम्स के लिये शुरुआती 18 टेस्ट इवेंट अब 3 से 4 अप्रैल तक होंगे. इसमें व्हीलचेयर रग्बी भी है. ये इवेंट्स योयोगी नेशनल स्टेडियम में होंगे. इसके बाद 18 से 23 अप्रैल तक फिना डाइविंग वर्ल्ड कप खेला जाएगा. ये टोक्यो एथलेटिक्स सेंटर में होगा. ये भी ओलंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट है.
दूसरी ओर गेम्स नही होने से करीब 42 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहले हो चूका है क्योंकि इसके लिए तैयार स्पोर्ट्स सुविधाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव का खर्च बढ़ गया है. इस घाटे को कवर करने के लिये गेम्स का बीमा करा चुके आयोजक नए एडवरटाइजर की तलाश में है. उन्होंने इनके पोस्टपोन या रद्द होने पर 480 मिलियन डॉलर (करीब 3520 करोड़ रुपए) मिलेंगे.
आयोजकों ने ओलंपिक की तैयारी परखने के लिये टेस्ट इवेंट कराए थे. उसने ओलंपिक के वेन्यू टोक्यो और योकोहामा में बेसबॉल मैच आयोजित किये थे. इसमें सीमित संख्या में दर्शकों की एंट्री थी. दर्शकों के बीच एक-एक सीट खाली थी. उन्हें मास्क पहनना अनिवार्य था. जगह-जगह सेनिटाइजर स्टेशन रखे थे.
आयोजकों के मुताबिक अब अगले कुछ महीनों में टेस्ट इवेंट की मेजबानी पहले हो चुके टूर्नामेंट से सबक लेकर किया जाएगा. ओलंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होने हैं. गेम्स की लागत पहले 25 बिलियन डॉलर (करीब 1.82 लाख करोड़ रु.) थी और कोरोना की वजह से इसके आगे बढ़ने से लागत 2.8 बिलियन डॉलर (करीब 20 हजार 450 करोड़ रु.) और बढ़ गयी. इसमें वेन्यू से जुड़ा खर्च सबसे अधिक है. गेम्स के लिये आयोजकों ने 19 नए वेन्यू बनाये हैं जिसमें 10 अस्थाई हैं. वही 18 रिनोवेट हुए हैं.
दूसरी ओर इस विवाद से दूर चल रहे जापान के प्लेयर चाहते हैं कि गेम्स का आयोजन किया जाये या नहीं और ये राजनैतिक फैसला है, जो जल्द लिया जाना चाहिए. प्लेयर्स के लिये सबसे बड़ा मुद्दा गेम्स की मेजबानी को लेकर चल रही अनिश्चितता है.
उनका बोलना है कि अगर गेम्स इस साल जुलाई में होते हैं तो वे उसके हिसाब से तैयारी करेंगे. अगर नहीं होंगे तो तैयारी का तरीका बदल जाएगा.वही कुछ फैन्स इवेंट देखने के लिए जाना चाहते हैं. उनका मानना है कि ये जिंदगी में एक बार मिलने वाला मौका है. वो जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ जाना चाहते हैं. कुछ फैन्स रिस्क नहीं लेना चाहते.
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