राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के अपने दौरे में तीसरे दिन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में आयुष चिकित्सा प्रणाली ने लोगों की प्रतिरक्षा को बढ़ाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यूपी दौरे के तीसरे दिन शनिवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने हायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य और उपचार की कई पारंपरिक और गैर-पारंपरिक प्रणालियां प्राचीन काल से प्रचलित हैं। भारत सरकार ने इनके विकास के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इन चिकित्सा पद्धतियों की व्यवस्थित शिक्षा और अनुसंधान के लिए 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 2017 में आयुष विभाग की स्थापना की थी। राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि बाबा गोरखनाथ उन अग्रदूतों में से एक रहे हैं जिन्होंने आपातकालीन दवाओं के रूप में खनिजों और धातुओं से दवाएं तैयार की हैं। इसलिए इस विश्वविद्यालय का नाम “महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय” रखना काफी उपयुक्त है। राष्ट्रपति ने कहा कि आज, चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली के विचार को पूरी दुनिया में मान्यता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों की मांग बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों और वनवासियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार भी पैदा हो रहा है।