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प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र की कई पहलों का किया शुभारंभ, कहा देश का मंत्र ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है लेकिन आज देश का मंत्र है- ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’। आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में झांसी की अपनी यात्रा के दौरान ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ में रक्षा क्षेत्र की कई पहलों का शुभारंभ किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम झांसी में 17 से 19 नवंबर तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है।

इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज सैन्य ताकत में आगे बढ़ रहा है और भविष्य ताकतवर युवाओं के हाथों में सौंपने की भी तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश की सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि 100 सैनिक स्कूल की शुरुआत से देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम शुरू होगा। हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के प्रवेश की शुरुआत की है। 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से छात्राओं के प्रवेश शुरू भी हो गए हैं। सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियाँ भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी।

उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ झांसी भारत में रक्षा के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के एक नए संयंत्र की आधारशिला यहां रखी गई है। यह यूपी डिफेंस कॉरिडोर के झांसी को नई पहचान देगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरान झांसी धरती और उसके वीरों और वीरांगनाओं को याद किया। उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई और उनकी सहयोगी झलकारी बाई के सैन्य कौशल को याद किया। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई के पास अगर अंग्रेजों जैसे सैन्य संसाधन होते तो देश का इतिहास अलग होता। उन्होंने कहा, “ये झांसी, रानी लक्ष्मीबाई की ये धरती बोल रही है- मैं तीर्थस्थली वीरों की, मैं क्रांतिकारियों की काशी, मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी, मैं हूँ झांसी।” इसके अलावा उन्होंने झांसी के मेजर ध्यानचंद को भी याद किया।

रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए उपकरणों को सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुखों को सौंपा। इनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को वायु सेना प्रमुख को, थल सेनाध्यक्ष को भारतीय स्टार्टअप द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन/यूएवी; और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को नौसेनाध्यक्ष को सौंपना शामिल रहा। एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और चालबाज़ सुविधाओं को शामिल किया गया है। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय यूएवी की तैनाती भी भारतीय ड्रोन उद्योग इकोसिस्टम की बढ़ती परिपक्वता का प्रमाण है। उन्नत ईडब्ल्यू सूट का उपयोग विभिन्न नौसैनिक जहाजों में किया जाएगा, जिनमें विध्वंसक, युद्धपोत आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के झांसी खंड में 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास किया। टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों के लिए प्रणोदन प्रणाली का उत्पादन करने के लिए एक संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा इस परियोजना को कार्यान्वित किया जा रहा है।

एनसीसी के पूर्व छात्रों को एनसीसी के साथ फिर से जोड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक औपचारिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया। यह संघ एनसीसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगा और राष्ट्र निर्माण में सहायता करेगा। इस दौरान संघ ने प्रधानमंत्री को एक पूर्व एनसीसी कैडेट के रूप में एसोसिएशन के पहले सदस्य के रूप में नामांकित किया। प्रधानमंत्री ने एनसीसी की तीनों इकाइयों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसी कैडेटों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें एनसीसी की सैन्य इकाई के लिए राइफल फायरिंग सिमुलेटर की स्थापना, एयर विंग के लिए माइक्रोलाइट फ्लाइंग सिमुलेटर और नेवल विंग के लिए रोइंग सिमुलेटर शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक में संवर्धित वास्तविकता संचालित इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क राष्ट्र को भी राष्ट्र को समर्पित किया जिससे आगंतुक बटन के साधारण क्लिक के माध्यम से शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर सकेंगे ।

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