श्रमिकों के साथ छल करने और सरकार को धोखा देने पर माफी मांगें प्रियंका: दिनेश शर्मा
कहा, सूची में 460 बसें फर्जी, प्रदेश सरकार अनफिट बसें चलाकर श्रमिकों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस ने बसों का जो वीडियो बनाया था, वह बसें राजस्थान परिवहन विभाग की हैं। ये बसें एक राजनीतिक दल कैसे निजी तौर पर एकत्रित कर सकता है। इन बसों को किस हैसियत से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा द्वारा जो 1000 बसों की सूची दी गई थी उसमें 460 बसें फर्जी निकली, जिनकी फिटनेस भी नहीं है। इसके अलावा 98 एम्बुलेंस, ऑटो, बाइक और 68 वाहनों के कागज ही नहीं थे। 297 कबाड़ की हालत में हैं इनकी कोई फिटनेस नहीं है। क्या उत्तर प्रदेश सरकार अनफिट बसें चलाकर श्रमिकों की जान के साथ खिलवाड़ करे?
कांग्रेस ने प्रवासी कामगारों के साथ छल करने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को धोखे में रखा है। इसके लिए कांग्रेस और प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश सरकार, प्रवासी श्रमिकों और देश से सावर्जनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने केवल मीडिया कवरेज में आने और उत्तर प्रदेश के अच्छे कार्यों को प्रभावित करने, गुमराह करने के लिए नाटक किया।
कहा, जब कोटा में छात्र बिलख रहे थे तब कहाँ थी राजस्थान सरकार?
उपमुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पंजाब और राजस्थान में प्रवासियों के लिए बसें क्यों उपलब्ध नहीं करवा रही है? जब कोटा में उत्तर प्रदेश के छात्र भूख से बिलख रहे थे, बीमार थे, तब अशोक गहलोत सरकार को दया क्यों नहीं आई। वह इन छात्रों को बसों से कम से कम बार्डर पर ही छोड़ देते। तब ये बसें कहां गई थीं?
उन्होंने कहा कि तब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 630 बसें भेजकर अपने छात्र-छात्राओं को वापस बुलाया और सुरक्षित तरीके से उनके घरों तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तब स्वयं योगी सरकार की इस पहल की तारीफ की थी।
कहा, कांग्रेस के यूपी और राजस्थान के विधायक भी सवाल उठा रहे
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी सरकार कोरोना महामारी के समय मरीजों के उपचार में लगी है। प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित तरीके से घर पहुंचा रही है। प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग और स्केलिंग कर रही। उन्हें क्वारंटाइन सेन्टर में पहुंचाने का काम कर रही है। जबकि कांग्रेस ओछी राजनीति में लगी है। कांग्रेस चाहती है कि सरकार इनकी घटिया सियासत में उलझे, जिससे श्रमिकों की समस्याओं पर ध्यान न जाए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार चाहती तो सीधे मदद कर सकती थी। वह राजस्थान में पैदल चल रहे श्रमिकों को इन बसों से पहुंचा सकती थी। इसी तरह पंजाब और महाराष्ट्र से भी बसें भेजी जा सकती थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के उत्तर प्रदेश और राजस्थान के विधायक भी सवाल उठा रहे हैं कि इन बसों को खाली भेजने की क्या जरूरत थीं, इनसे प्रवासी श्रमिकों को भेजा जा सकता था।