रेलवे ने 3 साल में टिकट कैंसिल करके कमाए 1230 करोड़ रुपए
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने 2021 और 2024 जनवरी तक यानी करीब तीन साल में प्रीतक्षा सूची में कैंसिल हुए टिकटों से 1,229.85 करोड़ रुपए की कमाई की है। आई.आर.सी.टी.सी. के माध्यम से ऑनलाइन खरीदे गए ई-टिकटों पर भी सेवा शुल्क लगता है जो रद्द करने पर वापस नहीं किया जाता है। यदि टिकट नैट बैंकिंग या डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बुक किया जाता है, तो वातानुकूलित श्रेणियों के लिए सेवा शुल्क 30 रुपए है, और यदि यू.पी.आई. के माध्यम से बुक किया जाता है, तो सेवा शुल्क 20 रुपए प्रति टिकट है।
2021 में कैंसिल किए गए 2.53 करोड़ टिकट
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश स्थित कार्यकर्ता विवेक पांडे द्वारा दायर आर.टी.आई. के जवाब में विभाग ने बताया हे कि 2021 में प्रतीक्षा सूची के कुल 2.53 करोड़ टिकट रद्द कर दिए गए और रेलवे को 242.68 करोड़ की कमाई हुई थी। 2022 में रद्द होने वाले टिकटों की संख्या बढ़कर 4.6 करोड़ हो गई और कमाई बढ़कर 439.16 करोड़ रुपए हो गई। 2023 में प्रतीक्षा सूची वाले 5.26 करोड़ टिकट रद्द कर दिए गए और परिणामस्वरूप रेलवे को 505 करोड़ का मुनाफा हुआ। 2024 में अकेले जनवरी महीने में 45.86 लाख टिकट रद्द किए गए, जिससे रेलवे को 43 करोड़ रुपए की कमाई हुई।
मांग पैटर्न का आकलन करने की जरुरत
रिपोर्ट में एक पूर्व रेलवे अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सीमित क्षमता के साथ रेलवे मांग को पूरा करने में असमर्थ है। उन्हें मांग पैटर्न का आकलन करना चाहिए और बहुत अधिक प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों की पेशकश करने से बचना चाहिए। उदाहरण के लिए 18 कोच वाली ट्रेन में स्लीपर डिब्बे में 720 सीटें हैं, और रेलवे 600 की प्रतीक्षा सूची आवंटित करता है। इतनी बड़ी संख्या को समायोजित करने की कोई गुंजाइश नहीं होती है, नतीजन विभाग को टिकट रद्द होने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
दीपावली के दौरान रद्द किए थे 96.18 लाख टिकट
जानकारी के मुताबिक पिछले साल 5 से 17 नवंबर के बीच दीपावली सप्ताह के दौरान रेलवे ने 96.18 लाख टिकट रद्द किए। इस संख्या में अपने कन्फर्म, रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (आर.ए.सी.) और वेटिंग लिस्ट टिकट रद्द कराने वाले लोग शामिल हैं। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र के आंकड़ों से पता चलता है कि इन 96.18 लाख रद्दीकरणों में से 47.82 लाख रद्दीकरण (49% तक) सभी कोटा के प्रतीक्षासूची वाले यात्रियों के थे। केवल दीपावली सप्ताह में, रेलवे ने प्रतीक्षा सूची के रूप में अंतिम स्थिति वाले सभी टिकटों से कुल रद्दीकरण आय के रूप में 10.37 करोड़ रुपए की कमाई की।