नई दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय एक जून से तीन दिन पहले ही बीते रविवार को केरल पहुंच गया। अब मानसून के केरल के शेष हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और इलाकों, कर्नाटक, बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अगले तीन से चार दिनों में आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर सोमवार को आंधी-तूफान का असर रहा।
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार देश में मानसून अच्छा रहने का अनुमान है। अच्छी बारिश हो सकती है। इससे पावर डिमांड पर दबाव भी कम होगा। यह किसानों के लिए राहत की खबर है। वहीं, इस साल कृषि मंत्रालय ने रिकॉर्ड 314.51 मिलियन टन अनाज के उत्पादन का पूर्वानुमान जारी किया है। ज्यादा तीव्रता वाली बारिश की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार शाम को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आंधी-तूफान आया, जिससे पेड़ उखड़ गए, संपत्ति को नुकसान पहुंचा और सड़कों पर जाम लग गया। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह दिल्ली में 2018 के बाद से गंभीर तीव्रता का पहला तूफान है। आंधी-तूफान से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गयी। सफदरजंग वेधशाला ने शाम पांच बजकर 40 मिनट पर 25 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जबकि दोपहर चार बजकर 20 मिनट पर 40 डिग्री सेल्सियस तापमान था।