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महाराष्ट्र में बारिश बनी कहर, बिजली गिरने से 17 लोगों की मौत, 560 से अधिक को बचाया

मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण बाढ़, आंधी और बिजली गिरने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। बारिश के कहर का खामियाजा मुख्य रूप से मराठवाड़ा क्षेत्र को उठाना पड़ा है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने अब तक 560 से अधिक लोगों को बचाया है। हालांकि, बारिश में 200 से अधिक मवेशी बह गए, जबकि कई घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

रिपोर्ट के हवाले से अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार तड़के मंजारा बांध के सभी 18 गेट और मजलगांव बांध के 11 गेट खोल दिए, जिससे इन संबंधित कैचमेंट से 78,397 क्यूसेक और 80,534 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मुंबई के कुछ हिस्सों में भी मंगलवार को भारी बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान ने अगले 24 घंटों में मराठवाड़ा, मुंबई और तटीय कोंकण क्षेत्र में “अत्यधिक भारी वर्षा” की भविष्यवाणी की है। मराठवाड़ा मध्य महाराष्ट्र का एक क्षेत्र है, जो अब मूसलाधार बारिश के कारण तबाह हो गया है। आठ अन्य जिलों औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड़, बीड, जालना और हिंगोली में भी भारी बारिश हुई है।

संभागीय आयुक्त के कार्यालय ने बताया कि इन आठ जिलों के 180 सर्किलों में 65 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। बांधों से छोड़ा गया पानी बीड और लातूर जिलों में मंजारा नदी के किनारे के गांवों में बाढ़ का कारण बन गया है। आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों में से 12 मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों से थे, जबकि एक उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से था।

एक अधिकारी ने बताया कि सरसा गांव में मंजारा नदी के तट पर फंसे 40 में से 25 लोगों को नावों के जरिए बचा लिया गया है, बाकी 15 लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि रीनापुर तहसील के डिगोल देशमुख क्षेत्र में एक नदी बेसिन में फंसे तीन लोगों को भी बचाया गया है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी साकेब उस्मानी ने कहा कि राज्य के सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसरगांव गांव के बैराज में फंस गए हैं और स्थानीय कर्मियों की मदद के लिए एनडीआरएफ की एक टीम, साथ ही एक हेलीकॉप्टर भी लाया गया है।

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