देहरादून : कुदरत के कहर से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में मृतकों की संख्या 69 पहुंच गई। जबकि सरकारी आंकड़ों में मरने वालों की संख्या मृतकों की संख्या 64 बताई गई है। प्रशासन का कहना है कि उनके शव अभी तक निकाले नहीं गए हैं। 27 ट्रैकर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
लापता लोगों की तलाश जारी है। वहीं, कई जगहों पर फंसे पर्यटकों को भी निकालाने का काम जारी है। बारिश के कहर ने सड़कों की हालत बिगाड़ दी है। कुमाऊं मंडल के पांच पर्वतीय जिलों में कुल 120 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में 75, चंपावत में 28, अल्मोड़ा में 12, नैनीताल में चार और बागेश्वर में एक मोटर मार्ग पर यातायात ठप पड़ा हुआहै।
बंद सड़कों में पहाड़ की दोनों लाइफ लाइन भवाली-अल्मोड़ाराष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (बारहमासी सड़क) शामिल हैं। पहाड़ी जिलों में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत शुरू हो गई है। बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में पेट्रोल खत्म होने की सूचना चस्पा कर दी गई है। प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है। इसी तरह कुकिंग गैस, दूध आदि की आपूर्ति न होने से भी इन वस्तुओं के लिए भी मारामारी हो रही है।