राजस्थानराज्य

आगामी 50 साल में राजस्थान को मिलेगा एक लाख करोड़ से अधिक का राजस्व, आखिर कैसे, जानें

जयपुर : राज्य में पांच मेजर खनिजों के 3 खनन पट्टों और 6 कंपोजिट लाइसेंस के कुल 9 ब्लॉक्स की ई नीलामी की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रधान खनिज (मेजर मिनरल) गारनेट, लाईमस्टोन, कॉपर, आयरन ओर और मैग्नेसाइट के 9 ब्लॉक्स ऑक्शन के लिए तैयार किए गए हैं। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शीघ्र ही इन 9 ब्लॉकों की भारत सरकार के ई-पोर्टल पर नीलामी की जाएगी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत माइंस विभाग की रिव्यू बैठकों में खनिज खोज कार्य को गति देने और अधिक से अधिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी पर जोर देते रहे हैं। खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि इससे खनन प्लॉटों की नीलामी से जहां राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होती हैं वहीं अवैध खनन पर रोक लग पाती है।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस साल वर्ष 2022-23 में भीलवाड़ा के साकरिया खेड़ा में खनिज गारनेट के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी के लिए तैयार किया गया है वहीं कोटा के निमाना-दुनिया ब्लॉक एवं बांसवाड़ा के परथीपुरा ब्लॉक एक से चार को खनिज लाईमस्टोन के कंपोजिट लाइसेंस के लिए तैयार किया गया है। इसी तरह से अमलगमेटेड खनिज कॉपर के लिए खेडा-मुण्डियावास के खनन पट्टे की नीलामी होगी। खनिज आयरन ओर के लिए भीलवाड़ा के कजलोड़िया में और खनिज मैग्नेसाइट के लिए खनन पट्टे की नीलामी के लिए उदयपुर के सेलु में ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार किया गया है। इस प्रकार कंपोजिट लाईसेंस के लिए खनिज गारनेट व खनिज आयरन ओर के एक-एक और खनिज लाईमस्टोन के चार ब्लॉकोें की नीलामी की जाएगी,वहीं लाईमस्टोन, अमलगमेटेड कॉपर ब्लॉक व मैग्नेसाइट के एक-एक ब्लॉक की खनन के लिए पट्टे जारी करने के लिए ई नीलामी की जाएगी।

एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में एमएमडीआर एक्ट 2015 में संशोधन के बाद इस साल वर्ष 2022-23 में मेजर मिनरल के सर्वाधिक 9 ब्लॉक्स के ऑक्शन की तैयारी की गई है। इससे पहले 2016-17 से अब तक राज्य में 17 खनन पट्टों के ब्लॉक्स व 4 कंपोजिट की ब्लाक्स नीलामी की गई है। इनमें भी सर्वाधिक 16 ब्लॉक्स लाईमस्टोन के नीलाम किए गए हैं। उन्होेंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार इनसे आगामी 50 सालो में राज्य सरकार को एक लाख 8 हजार करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में अप्रधान खनिजों(माइनर मिनरल) के साथ ही अब प्रधान खनिजों के खोज और खनन को बढावा दिया जा रहा है जिससे प्रदेश को अधिक राजस्व प्राप्त होने के साथ ही खनिजों की अवैध खनन गतिविधियों को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।

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