अनिल देशमुख को क्लीन चिट देने वाली रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल, राजनीति में मचा घमासान
मुंबई। 100 करोड़ वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही सीबीआई की प्राथमिक रिपोर्ट अब वायरल हो रही है। इस रिपोर्ट को महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट कर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई को प्राथमिक जांच में अनिल देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले , जिससे अनिल देशमुख के ऊपर एफआईआर दर्ज हो सके। कांग्रेस ,एनसीपी सवाल उठा रही हैं कि अगर प्राथमिक जांच में सबूत नहीं तो एफआईआर क्यों दर्ज किया गया?
हालांकि अभी तक ये कन्फर्म नहीं है की ये वायरल कॉपी प्राथमिक जांच रिपोर्ट की ही कॉपी है या फेक है। सीबीआई ने इस मामले में सफाई तो दी है और कहा है कि प्राथमिक जांच में मिले सबूत और कानूनी सलाह के बाद एफआईआर दर्ज किया गया।
सीबीआई की ये रिपोर्ट सही है या नहीं अभी कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने वसूली कांड के प्राथमिक जांच में अनिल देशमुख को क्लीनचिट दे दी है इस रिपोर्ट में लिखा है कि अनिल देशमुख के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर सीबीआई ने प्राथमिक जांच में अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी थी तो फिर उनके खिलाफ बाद में एफआईआर क्यों दर्ज की गई। सीबीआई की ये रिपोर्ट डीएसपी आरएस गुंज्याल ने तैयार की है।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने दावा किया है कि वसूली केस की जांच कर रही सीबीआई के जांच अधिकारी को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कोई भूमिका नहीं मिली है इसके बाद साजिश के तहत एफआईआर हुआ है इसलिए इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो। उधर सीबीआई ने स्पष्टीकरण तो दिया है कि सबूतों के आधार पर कानूनी सलाह लेकर एफआईआर दर्ज हुई लेकिन वायरल प्राथमिक जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं बोला है।