उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ में हुई रैपिड रेल की समीक्षा, मुख्य सचिव ने कहा- ट्रेन की गति की तरह ही तेजी से हो निर्माण

नई दिल्ली। लखनऊ में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी की बैठक में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की प्रगति समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट की सारी अपडेट अधिकारियों से लीं। प्रोजेक्ट में आ रही परेशानियों के बारे में जाना और उन परेशानियों को दूर करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रोजेक्ट से जुड़े सभी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं और जमीन से जुड़ी सभी मुद्दों को अक्तूबर तक हर सूरत में सुलझा लिया जाए।

मुख्य सचिव ने कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद पूरे आरआरटीएस कॉरीडोर में तेजी से चल रहे निर्माण कार्य के लिए एनसीआरटीसी की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि एनसीआरटीसी शासन द्वारा जारी वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग से जुड़े सभी निर्देशों को दिसंबर तक जारी करे। जिससे प्रोजेक्ट के लगातार चलते रहने के लिए आय के नियमित स्त्रोत बने रहें।

बैठक के एनसीआरटीसी अधिकारियों ने अवगत कि प्रोजेक्ट के प्राथमिकता खण्ड साहिबाबाद से दुहाई जिसकी कुल लम्बाई लगभग 17 किलोमीटर है, को मार्च 2023 में चालू कर दिया जायेगा और पूरी परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा। वर्तमान में 1100 इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूरों के साथ 16 लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) तय समय सीमा के अन्दर प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह एवं प्रबन्ध निदेशक एनसीआरटीसी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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