पांचजन्य ने फिल्म की तीखी आलोचना करते हुए संजय की जिंदगी के काले अध्याय के बारे में लिखा है। संजय को साल 1993 में हुए बम धमाकों के दौरान हथियार रखने का दोषी पाते हुए जेल की सजा दी गई थी। मुखपत्र में अभिनेता को ड्रग का आदी और बहुत सारे रिश्ते रखने की वजह से किरदार दागदार वाला बताया गया है। इसके अलावा उन्हें अपराधी बताते हुए निर्देशक हिरानी से तीन सवाल पूछे गए हैं।
इसमें सवाल किया गया है कि स्वर्गीय नरगिस और सुनील दत्त के बेटे के अंदर रोल मॉडल बनने के क्या गुण हैं। यदि इस फिल्म के जरिए निर्माताओं का मकसद पैसा कमाना है तो भारतीय सिनेमा का नैतिक आधार धूल चाट रहा है। दूसरा सवाल क्या फिल्म संजय के किरदार पर लगे धब्बों को साफ करने का एक पीआर स्टंट है। पत्रिका में हिरानी पर भी हमला करते हुए कहा गया है कि उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म पीके के जरिए हिंदू धर्म की आलोचना की थी। अब संजू के जरिए हिरानी भारत के युवाओं के सामने किस तरह के आदर्श पेश करना चाहते हैं?
मुखपत्र में सवाल किया गया है कि क्या संजय ने कोई असाधारण काम किया है जिसकी तारीफ या प्रशंसा की जानी चाहिए। क्या वह ड्रग से पूरी तरह दूर रहा और एक आदर्श पति और अभिनेता बन पाया। तीसरा और सबसे बड़ा सवाल किया गया है कि आखिर क्यों मुंबई फिल्म इंडस्ट्री माफिया और अंडरवर्ल्ड पर फिल्म बनाकर लाइमलाइट में लाना चाहती है, वह भी 1993 के बम धमाकों के सबसे वांछित अपराधियों के बारे में। कभी दाऊद इब्राहिम या उसकी उसकी बहन हसीना पार्कर या छोटा राजन या अरुण गवली पर फिल्म बनाई जाती है।
पत्रिका में सवाल किए गए हैं कि आखिर कौन लोग इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए पैसा दे रहे हैं? इसमें कहा गया है कि जहां एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा गणितज्ञ एस रामानुजन पर ‘द मैन हू क्यू इनफिनिटी’ बना रही है, एक भारतीय जिसने देश को गर्वित किया। वहीं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अंडर्वर्ल्ड और माफिया डॉन पर फिल्में बना रहे हैं। बता दें कि संजू में रणबीर कपूर ने संजय दत्त का किरदार निभाया है।