उत्तर प्रदेशराज्य

बच्‍चों को इस पुरानी बीमारी से बचाएं, हर साल 30 हजार मासूमों की छीन रही सांसें

लखनऊ: यूपी में निमोनिया हर साल करीब 30 हजार से अधिक मासूमों की सांसें छीन रहा है। करीब तीन साल पहले यह आंकड़ा 35 से 40 हजार था। निमोनिया से बचाव के टीके से कुछ सुधार हुआ है लेकिन अभी भी 1000 जीवित बच्चों में तीन से चार की मौत निमोनिया से हो रही है।

शुक्रवार को निमोनिया जागरूकता दिवस है। प्रदेश में हर साल करीब 57 लाख बच्चों का जन्म हो रहा है। पांच साल से कम उम्र के तकरीबन 30 हजार बच्चों की मौत निमोनिया से हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि काफी बच्चे अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते हैं। केजीएमयू बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी ने बताया कि निमोनिया से बचाव की वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगाई जा रही है। इससे काफी हद तक मासूमों को बचाने में कामयाबी मिल रही है।

बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र सिंह बताते हैं निमोनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यह सबसे ज्यादा पांच साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है। जो बैक्टीरिया, फंगस व वायरस से होता है। इससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है। उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। सर्दी-जुकाम के लक्षण बहुत कुछ मिलते-जुलते हैं।

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