अन्तर्राष्ट्रीय

वैज्ञानिकों के हाथ लगी ऐतिहासिक सफलता, मंगल ग्रह पर खोज लिया पानी, जीवन बसाने की तरफ बड़ा कदम ?

वॉशिंगटन : मंगल ग्रह पर जीवन बसाने के लिए लंबे समय से हाथ-पैर मार रहे वैज्ञानिकों को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है और वैज्ञानिकों ने मंगल पर तरल पानी होने का सुझाव देने वाले नए सबूत खोजे हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च किया है और रडार के अलावा अन्य डेटा का उपयोग करते हुए इस बात के सबूत खोज लिए हैं, कि मंगल ग्रह पर लिक्विड वाटर मौजूद है। वैज्ञानिकों के हाथ इस बात के सबूत लगे हैं, कि मंगल ग्रह के दक्षिण ध्रुवीय बर्फ टोपी के नीचे तरल पानी मौजूद है। इस रिसर्च में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अलावा शेफील्ड विश्वविद्यालय और ओपन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी शामिल थे।

हालांकि, वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के दक्षिण ध्रुवीय बर्फ टोपी के नीचे पानी होने के सबूत जरूर मिले हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा है कि, “यह जरूरी नहीं है कि मंगल पर जीवन भी मौजूद है”। वैज्ञानिकों को पता चला है कि, पृथ्वी की तरह, मंगल ग्रह के दोनों ध्रुवों पर पानी की मोटी बर्फ है, जो ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के संयुक्त आयतन के बराबर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि, पृथ्वी पर जो बर्फ की मोटी चादर मौजूद है, वो पानी से भरे चैनलों के नीचे मौजूद हैं और यहां तक ​​कि बड़ी सबग्लेशियल झीलों के नीचे हैं, हालांकि, मंगल ग्रह पर जलवायु काफी ज्यादा ठंडी रहती है, लिहाजा ये लिक्विड पानी बर्फ की मोटी परत के नीचे मौजूद हैं। शेफील्ड विश्वविद्यालय के अध्ययन के दूसरे लेखक डॉ फ्रांसेस बुचर ने कहा कि, “हमारा रिसर्च अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण और पुख्ता रिसर्च है, कि मंगल ग्रह पर लिक्विड पानी मौजूद है। और हमारे पास अब दो महत्वपूर्ण रिसर्च हैं, जिनसे पता चलता है कि, पृथ्वी पर जिस तरह के सबग्लेशियल झील हैं, उसी तरह के झील अब मंगल ग्रह पर भी पाए गए हैं।” वैज्ञानिकों ने कहा कि, ‘हालांकि, लिक्विड पानी जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है, कि मंगल ग्रह पर जीवन भी मौजूद है।’

Related Articles

Back to top button