अन्तर्राष्ट्रीय

पाक और इस्लाम को बदनाम करने के लिए पाकिस्तानी ही जिम्मेदार: मलाला

पैंगबर मोहम्मद की शिक्षा याद दिलाई

लन्दन (एजेंसी)। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा है कि पाकिस्तान और इस्लाम को बदनाम करने के लिए खुद पाकिस्तानी ही जिम्मेदार हैं। मलाला ने यह बयान ईशनिंदा के कथित आरोप में एक पाकिस्तानी स्टूडेंट मशाल खान को पीट-पीट कर मार देने के मामले में दिया। मशाल खैबर पख्तूनख्वा की अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म की पढ़ाई कर रहा था। मशाल पर अहमदिया संप्रदाय को बढ़ावा देने और ईशनिंदा करने वाली चीजें इंटरनेट पर डालने का आरोप था। मलाला ने कहा की हम इस्लाम की शिक्षा भूल गए है। मलाला ने शनिवार को फेसबुक पर पोस्ट किये एक वीडियो मैसेज में कहा, “आज ही मुझे मशाल की मौत की जानकारी मिली। यह घटना पूरी तरह से आतंक और हिंसा से भरी हुई है। मैंने मशाल के पिता से बात की जिन्होंने शांति और धैर्य का संदेश दिया। मैं उनके संदेश को सलाम करती हूं।”

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और क्या कहा मलाला ने

  1. हम शिकायत करते हैं कि इस्लामोफोबिया के चलते दूसरे देश पाकिस्तान को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन कोई भी पाकिस्तान और इस्लाम को कमतर नहीं कर रहा, हम खुद अपने देश पाकिस्तान और इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। पाकिस्तान की इमेज खराब करने के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं।” “मशाल का अंतिम संस्कार केवल उसका नहीं बल्कि हमारी धार्मिक शिक्षा का भी अंतिम संस्कार है।हम इस्लाम की शिक्षा भूल गए है जो हमें शांति और धैर्य का पाठ पढ़ाता है।”
  2. मलाला ने कहा, “पैगंबर हजरत मोहम्मद ने अपने अनुयायियों को धैर्य खोने और लोगों की जान लेने को नहीं कहा था, अगर हम इसी तरह एक-दूसरे की जान लेते रहेंगे तो कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। कुछ अनुयायी शांति का संदेश भूल गए हैं, वे अपने धर्म को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।”
  3. सभी के मेरा यह आग्रह है कि आप अपने धर्म, संस्कृति, मूल्य को जाने। इस्लाम हमेशा ही हमें धैर्य की शिक्षा और शांति का संदेश देता है। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकार से शांति और इंसाफ के लिए खड़े होने के लिए अपील करती हूँ, मशाल के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए खड़े हो, और चुप न बैठे।”

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कौन था मशाल?

  1. मशाल खान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा स्थित अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी का छात्र था। यूनिवर्सिटी के ही कुछ अन्य छात्रों ने कैम्पस में उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। हत्या के बाद बाद उसे गोलियां भी मारी गईं। मशाल पर अहमदिया संप्रदाय को बढ़ावा देने और ईशनिंदा करने वाली चीजें इंटरनेट पर डालने का आरोप था।
  2. गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा एक अपराध है। ऐसे मामले में जुर्माने से लेकर फांसी तक दी जाती है। पिछले महीने पीएम नवाज शरीफ ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मौजूद ईशनिंदा के सभी कॉन्टेंट हटाने का आदेश जारी किये थे। साथ ही कहा था कि अगर कोई इस मामले में दोषी पाया गया तो उसे कानून के तहत सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा।

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