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अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर झटका! इंटरनेशनल एजेंसी ने घटाया भारत का GDP अनुमान

नई दिल्ली: इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स ने भारत की आर्थिक विकास दर में कटौती की है. इस एजेंसी ने अगले साल भारत की आर्थिक वृद्धि में धीमापन रहने का अनुमान जताया है. कोरोना महामारी के बाद से उच्च उधारी लागत और उपभोक्ता मांग प्रभावित होने से जैसे कारणों का हवाला देते हुए यह अनुमान व्यक्त किया है.

गोल्डमैन सैक्स ने अगले वित्तवर्ष में भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया है. गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कैलेंडर वर्ष 2023 में इस वर्ष अनुमानित 6.9% से घटकर 5.9% रह सकती है.

गोल्डमैनस सैक्स अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट में कहा है कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत की अर्थव्यवस्था धीमी रह सकती है. हालांकि दूसरी छमाही में, विकास दर में फिर से तेजी आने की संभावना रहेगा. क्योंकि वैश्विक स्तर पर हालात ठीक होंगे. एजेंसी को लगता है कि रिटेल महंगाई भी इस वर्ष अनुमानित 6.8 फीसदी के मुकाबले अगले साल 6.1 फीसदी तक कम हो जाएगी.

गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने बताया कि मुद्रास्फीति के ऊपर रहने के जोखिम का मतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर में बेंचमार्क ब्याज दर में 50 आधार अंक और फरवरी में अन्य 35 आधार अंक की वृद्धि करेगा, जो 6.75% की टर्मिनल दर पर पहुंच जाएगा, जो अभी 5.9% है.

बता दें कि मुद्रास्फीति की दर पिछले दस महीनों से भारतीय रिजर्व बैंक के 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक जीडीपी डाटा उम्मीदों से काफी कम था. सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि गति घटकर तिमाही-दर-तिमाही के आधार पर -3.3 फीसदी हो गई जबकि जनवरी-मार्च की अवधि में इसमें 0.5% की वृद्धि हुई थी.

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