जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर सेना का ऑपरेशन, मुठभेड़ के दौरान सैनिक लापता
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार से शुरू हुए अभियान में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित दो जवान लापता होने के बाद सेना ने एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार शाम सेना की ओर से आतंकियों की भारी गोलीबारी में जेसीओ और एक जवान लापता हो गया था। दो सैनिक (राइफलमैन योगंबर सिंह और राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी) पुंछ-राजौरी के जंगलों में हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे, उसी क्षेत्र में कार्रवाई में सेना के पांच जवानों के शहीए होने के चार दिन बाद।
शहीद सैनिकों के शवों को वापस लाना सेना के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई, क्योंकि उन्हें शवों को वापस लाने के लिए जंगलों के भीतर सावधानी से आगे बढ़ना पड़ा। एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार शाम को सेना का जेसीओ से संपर्क टूट गया। घटना के बाद सेना ने बयान में कहा, “सामान्य क्षेत्र नर खास फॉरेस्ट, मेंढर सब डिवीजन, जिला पुंछ में चल रहे काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में, 14 अक्टूबर 2021 को शाम के समय सेना के जवानों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई। गोलीबारी के बाद एक जेसीओ और एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। ऑपरेशन जारी है।”
कल सेना ने दो जवानों के शहीद होने की पुष्टि की थी, लेकिन घायल जेसीओ के बारे में कोई अपडेट नहीं था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घायल जेसीओ को बचाने के लिए अभियान सुबह शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम घायल जेसीओ को बरामद नहीं कर पाए हैं। तलाशी सुबह फिर से शुरू होगी।” मेंढर के नर खास वन क्षेत्र में आज सुबह एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। इलाके में भारी गोलीबारी और विस्फोटों की आवाज सुनी गई, क्योंकि सेना जंगलों में गहरे छिपे हुए आतंकवादियों को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी।
सेना ने सोमवार को डेरा की गली में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया। शुरुआती गोलीबारी में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए। हाल के वर्षों में यह पहली बार है, जब सेना को एक ही मुठभेड़ में इतने लोग हताहत हुए हैं। गुरुवार शाम से प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर पुंछ-जम्मू मार्ग को बंद कर दिया है।