स्पेन टीकाकरण के मामले में चैंपियन बनकर उभरा, न कोई लालच, न कोई बंदिश
नई दिल्ली: यूरोपीय संघ (ईयू) में स्पेन टीकाकरण के मामले में चैंपियन बनकर उभरा है। जहां एक तरफ कई देश टीका लगवाने को लालच दे रहे थे। साथ ही कई जगह इसे अनिवार्य बनाया जा रहा था, लेकिन स्पेन में बिना किसी सरकारी आदेश टीकाकरण की दर काफी ज्यादा है। स्पेन में अब तक 75 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।
वहीं स्पेन के मुकाबले इटली की 64.5 फीसदी, फ्रांस की 63.26 फीसदी और जर्मनी की 61.86 आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण हुआ है। यूरोप ही नहीं अमेरिका के मुकाबले भी स्पेन में ज्यादा टीकाकरण हुआ है जिससे कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि यूरोपीय संघ में अन्य चार सबसे अधिक आबादी वाले देशों की तुलना में स्पेन सभी संकेतकों में पहले स्थान पर है। साथ ही टीके की पहली और दूसरी खुराक लेने वालों में जी-20 देशों में पहले नंबर पर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह सामूहिक सफलता है जो राष्ट्रीय गौरव का संदेश देती है और एक अभूतपूर्व सामाजिक और आर्थिक सुधार में योगदान करती है।
स्पेन में कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के कहर के बाद टीकाकरण की शुरुआत काफी धीमी गति से शुरू हुई। इसमें टीके के वितरण में समस्या भी एक बड़ा कारण था। वहीं मध्य अप्रैल में जब ब्रिटेन की 13 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका था तो स्पेन में यह आंकड़ा सिर्फ सात फीसदी ही था। संक्रामक रोगों के प्रोफेसर और मैड्रिड में यूएनआईआर मेडिकल सेंटर के निदेशक डॉ. विसेंट सोरियानो ने कहा कि साल की शुरुआत में जब स्पेन ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की तो चीजें अच्छी नहीं होती दिख रही थीं।
उन्होंने कहा कि जनवरी में यूके में पहले दो टीकों को मंजूरी मिलने के बाद हमें लगा कि हमारी स्थिति वास्तव में बहुत खराब है। नर्सिंग होम में आई आपदा से सभी वाकिफ थे, जहां कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन उसके बाद सरकार और स्वायत्त समुदायों द्वारा प्रतिबद्धता के चलते हम यह मुकाम पाने में कामयाबी पाई।