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श्रीलंका के विदेश मंत्री ने की भारत की तारीफ, संकट में मदद के लिए PM मोदी का आभार

नई दिल्ली : श्रीलंका ने एक बार फिर भारत (India) और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। श्रीलंका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वे भारत (India) को बड़े भाई (elder brother) और साझेदार के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने भारत और पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत ने श्रीलंका की कठिन दौर में मदद की और श्रीलंका को इससे बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई।

एक साक्षात्कार में श्रीलंका के विदेश मंत्री थरका बालासूर्या ने कहा कि श्रीलंका भारत के साथ साझेदारी में काम करना चाहता है। श्रीलंका ने भारतीय कंपनियों को श्रीलंका आने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका 2048 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है। बालासूर्या ने कहा कि हम मदद की तलाश में नहीं हैं। हम भारत को बड़ा भाई और एक भागीदार के रूप में देखते हैं। हम जानना चाहते हैं कि भारत ने अपने देश को कैसे बदला है। मेरे विचार से भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने की राह पर है। हम एक विकसित देश बनने की ओर देख रहे हैं। भारत और श्रीलंका के पास साथ में काम करने के कई अवसर हैं। हम भारत के साथ साझेदारी में काम करना चाहते हैं।

श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने पर्यटन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में पर्यटन फल-फूल रहा है। हम बंदरगाहों पर ध्यान दे रहे हैं। श्रीलंका में रियल एस्टेट को विकसित कर रहे हैं। श्रीलंका में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें हम बहुत कुछ बेहतर कर सकते हैं। श्रीलंका में खनिज की अपार संभावना है। अभी तक खनिजों पर बात नहीं हुई है। हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतर ग्रेफाइट है। भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करेंगी, जिसमें ग्रेफाइट अहम है। हमारे पास लगभग 30,000 ग्रेफाइट खदानें हैं, जो भारतीय कंपनियों को मदद कर सकती हैं। हमारे पास साथ काम करने के कई अवसर हैं।

आर्थिक संकट पर उन्होंने कहा कि श्रीलंका में एक वक्त था कि ईंधन और दवाओं के लिए लंबी-लंबी कतारें लगती थीं। हम आर्थिक संकट में थे, इस दौरान पीएम मोदी की पड़ोसी पहले नीति ने हमें समस्याओं से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई। इसलिए हम पीएम मोदी के आभारी हैं। हम भारतीय विदेश मंत्री और वित्त मंत्री के भी आभारी हैं। भारतीय वित्त मंत्री ने हमारी मदद के लिए नियमित रूप से आईएमएफ से बात की थी। भारत के अथक प्रयासों के कारण हम एक बार फिर सामान्य स्थिति में आ गए हैं।

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