उत्तराखंड

समान नागरिक संहिता के संबंध में सुझाव हेतु पोर्टल लांच, उत्तराखंडवासियों से सुझाव आमंत्रित

देहरादून: समान नगारिक संहिता के क्रियान्वयन संबंधी राज्य सरकार द्वारा गठित समिति ने उत्तराखण्ड वासियों से सुझाव आमंत्रित किया है। आज राजभवन के सभागार में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से०नि०) रंजना प्रकाश देसाई ने समिति के एक वेब-पोर्टल (www.ucc.uk.gov.in) की शुरूआत की, इसके माध्यम से सुझाव सीधे वेब पोर्टल पर अपलोड किए जा सकते हैं। ई-मेल (official ucc@uk.gov.in) तथा डाक के माध्यम से “विशेषज्ञ समिति, समान नागरिक संहिता राज्य अतिथि गृह (एनेक्सी) राज भवन के निकट, देहरादून-248001” पता पर भी सीधे सुझाव भेजे जा सकते हैं।

आज के कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष ने इस विषय पर सप्रति किए जा रहे कार्य की संक्षेप में जानकारी दी। समिति द्वारा व्यक्तिगत नागरिक मामले से सम्बन्धित मौजूदा कानून जो उत्तराखण्ड वासियों पर लागू होते हैं, का अध्ययन किया जा रहा है तथा इस बात पर विचार किया जा रहा है कि मौजूदा कानून, में संशोधन किए जाने या नये कानून का मसौदा तैयार किये जाने की आवश्यकता है। ऐसा करते समय समिति द्वारा विवाह, तलाक, सम्पत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रख रखाव व संरक्षिता जैसे विषयों पर अध्ययन कर भविष्य की व्यवस्था के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी, जिसके अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के समान नागरिक संहिता को क्रियान्वित किये जाने का विषय भी शामिल होगा। जस्टिस देसाई ने बताया कि समिति इस तथ्य से भली-भांति भिज्ञ है कि जिस विषय पर समिति द्वारा काम किया जा रहा, वह उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को प्रभावित करने वाला है एवं इस दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है।

वर्तमान में इस विषय से सम्बन्धित विधि की व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है, जो काफी विषद् तथा विभिन्नता भरा है। इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के समुदायों की पुरातन परम्पराओं एवं रीति-रिवाजों का संज्ञान लेते हुए इस पर गम्भीरता से विचार होगा। इसका एक बहुत महत्वपूर्ण आयाम व्यक्तिगत नागरिक मामलों में महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किया जाना है, जिस पर समिति सचेत है। अध्यक्ष, विशेषज्ञ समिति ने राज्य के निवासियों व विभिन्न राजकीय व गैर राजकीय संस्थाओं से अपील की कि वे इस विषय पर अपने विचारों, सुझाव तथा प्रत्यावेदन प्रस्तुत करें ताकि समिति उनके विचारों से लाभान्वित हो। इस प्रकार प्राप्त सुझावों का सम्यक् परिशीलन एवं मनन करते हुए भविष्य के लिए विधि की व्यवस्था के सम्बन्ध में संस्तुति की जायेगी।

अध्यक्ष, विशेषज्ञ समिति ने बताया कि उत्तराखण्ड के सभी निवासियों तक इस अपील को पहुंचाने के लिए लगभग एक करोड़ एसएमएस व वाट्सअप संदेश आज ही भेजे जा चुके हैं। वेब पोर्टल की शुरूआत करने से पूर्व समिति के सदस्यों ने उत्तराखण्ड के राज्यपाल महोदय से शिष्टाचार मुलाकात की तथा समिति द्वारा किये जा रहे कार्यों से उन्हें अवगत कराया। राज्यपाल महोदय ने समिति द्वारा किये जा रहे कार्यों में विशेष रूचि प्रदर्शित करते हुए यह उम्मीद की कि समिति द्वारा किये जा रहे कार्य भविष्य में उत्तराखण्ड वासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों में एक समान व समरूप विधिक व्यवस्था कायम करने में सहायक होंगे।

राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के पश्चात् समिति ने उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री जी से भी मुलाकात की तथा इस विषय पर उनके विचारों को सुना। माननीय मुख्यमंत्री जी ने समिति द्वारा त्वरित गति से कार्य करते हुए अपनी संस्तुति प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया तथा यह उम्मीद जताई गयी कि समिति द्वारा जो संस्तुतितयां की जायेंगी, वह भविष्य में एक समरूप सामाजिक व्यवस्था कायम करने में मील का पत्थर साबित होगी।

मुलाकातों व बैठक में अध्यक्ष, के अलावा विशेषज्ञ समिति के अन्य माननीय सदस्यगण जस्टिस (सेवा०नि०), परमोद कोहली, शत्रुघ्न सिंह (आईएएस सेवानिवृत्त), मनु गौड़ (सामाजिक कार्यकर्ता), सुरेखा डंगवाल (कुलपति दून विश्वविद्यालय), अजय मिश्रा (सदस्य/सचिव अपर स्थानिक आयुक्त उत्तराखण्ड) भी उपस्थित थे।

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