नई दिल्ली: मुंबई के चर्चित शीना बोरा मर्डर केस में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम अदालत ने इस केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान इंद्राणी मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए. उन्होंने कहा कि आरोपी इंद्राणी धारा 437 के तहत विशेष छूट की हकदार हैं. इसके साथ ही वह पिछले कई साल से जेल में हैं. लेकिन पिछले 11 महीनों से सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई है.
इस दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि 237 गवाहों में से 68 की जांच की गई. लेकिन उन्हें पिछले कई साल से कोई तक पैरोल नहीं मिली. इस पर बेंच ने पूछा कि पैरोल क्यों नहीं दी गई. इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने पैरोल नहीं ली. हालांकि इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी को जमानत मिल गई थी.मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई ने की. इस दौरान ASG एसवी राजू ने कहा कि गवाह से पूछताछ की गई था कि शीना बोरा की हत्या किसने की थी. इस केस में पीटर की भूमिका बेहद सीमित थी. इतना ही नहीं, इस केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई ने की. इस दौरान ASG एसवी राजू ने कहा कि गवाह से पूछताछ की गई था कि शीना बोरा की हत्या किसने की थी. इस केस में पीटर की भूमिका बेहद सीमित थी. इतना ही नहीं, इस केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. अगर अभियोजन पक्ष की ओर से 50 प्रतिशत गवाहों को छोड़ भी दिया जाता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा. वह 6.5 साल से जेल में हैं. इंद्राणी को भले ही जमानत मिल गई है, लेकिन निचली अदालत की संतुष्टि के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा.
सीबीआई का मामला यह है कि मुखर्जी ने पूर्व पति संजीव खन्ना, मौजूदा पति पीटर मुखर्जी और ड्राइवर श्यामवर राय की मदद से बोरा की हत्या कर दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवंबर 2021 में मुखर्जी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत में अपील की गई। मुखर्जी की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पहुंचे थे। जबकि, सीबीआई का पक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने रखा।