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दिल्ली हिसा: मीरान हैदर की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के पीछे कथित ‘बड़ी साजिश’ के संबंध में जेएनयू छात्र और राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के युवा नेता मीरान हैदर की जमानत याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। मामले में नोटिस जारी करते हुए, न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने इसे 21 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया। निचली अदालत में अपनी जमानत याचिका खारिज होने के बाद हैदर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

यह देखते हुए कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि बड़े षड्यंत्र के मामले में उनके खिलाफ आरोप प्रथम ²ष्टया सच हैं, 5 अप्रैल को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने हैदर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद ने एक अन्य पीठ को स्थानांतरित करने और बड़े षड्यंत्र के मामले में उमर खालिद और अन्य आरोपियों के मामलों के साथ सुनवाई करने के लिए याचिका प्रस्तुत की।

इसी पीठ ने गुरुवार को जेएनयू के पूर्व छात्र-कार्यकर्ता उमर खालिद की जमानत याचिका कथित ‘बड़े षड्यंत्र के मामले’ की सुनवाई के लिए दूसरी पीठ को स्थानांतरित कर दी। हालांकि, न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि उमर खालिद के मामले को दूसरी पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि इस पर पिछली पीठ ने आंशिक सुनवाई की थी।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हैदर पर सख्त गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, जेएनयू स्कॉलर-कार्यकर्ता खालिद और शरजील इमाम दिल्ली दंगों से जुड़े कथित बड़े षड्यंत्र के मामले में लगभग एक दर्जन लोगों में शामिल हैं। फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़क उठी थी, क्योंकि सीएए और एनआरसी के समर्थक और इनका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी। इन झड़पों ने बाद में हिंसक रूप ले लिया था, जिससे भड़की हिंसा में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए।

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