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सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट 2023 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से किया मना

नई दिल्ली (विवेक ओझा): सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट 2023 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से मना कर दिया है और इसके लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है साथ ही अप्रैल में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। दरअसल हाल ही में चीफ इलेक्शन कमिश्नर्स एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट, 2023 ( Chief Election commissoners and other election commissioners act, 2023) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।

इस एक्ट में एक प्रावधान यह था कि चुनाव आयुक्तों ( इलेक्शन कमिश्नर्स) के नियुक्ति पैनल ( selection panel) में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का नाम हटा दिया जाएगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पद की अवधि) अधिनियम, 2023 को विवादों के घेरे से निकालने के लिए केंद्र सरकार को कुछ जरूरी तर्क खोजने होंगे।

गौरतलब है कि मार्च 2023 में भी सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सलाह पर की जाएगी। उनकी नियुक्तियों पर संसद द्वारा एक कानून बनाया जाता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 324(2) कहता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और कोई अतिरिक्त चुनाव आयुक्त यदि कोई हो, तो चुनाव आयोग के सदस्य होंगे। राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त या किसी अतिरिक्त चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करता है, जो संसद द्वारा इस संबंध में पारित किसी भी कानून के प्रावधानों के अधीन है।

विचारणीय है कि वर्तमान में मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के लिये संविधान में कोई विशिष्ट विधायी प्रक्रिया परिभाषित नहीं है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले पैनल से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम को हटाने का प्रयास किया है। इससे केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय आमने सामने आते दिख रहे हैं।

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