उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाने पर रोक के लिए बनाई मॉनिटरिंग कमेटी
15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए उच्चतम न्यायालय ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है। अदालत ने पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर के नेतृत्व में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। ये एक सदस्यीय कमिटी पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने के मामलों की मॉनिटरिंग करेगी और 15 दिन में सुप्रीम कोर्ट को पराली जलाने कि गतिविधि रोकने के मामले पर रिपोर्ट देगी। ये कमेटी फिजिकल सर्वे करेगी।
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एनसीसी/ एनएसएस और भारत स्काउट गाइड को निरीक्षण का जिम्मा देने को भी कहा गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस लोकुर की नियुक्ति पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा हमारी कुछ आपत्ति है और हम एप्लीकेशन फाइल करेंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कमेटी को लेकर आदेश जारी करने से पहले उन्हें सुने जाने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी। पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये कमेटी बनाई है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वो जस्टिस लोकुर समिति को उचित सुविधा मुहैया कराएं। पंजाब, हरियाणा और यूपी के चीफ सेक्रेटरी जस्टिस लोकुर को सहयोग करेंगे।
चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्य कह रहे हैं कि पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण नहीं हो रहा तो फिर कहां हो रहा है, ये बताया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मुहैया हो, अदालत यही चाहती है। गौरतलब है कि दिल्ली और एनसीआर में हर साल अक्टूबर-नवंबर में प्रदूषण कापी बढ़ जाता है। इसकी एक वजह पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसानों के पराली जलाए जाने को माना जाता है।
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