नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने आज बड़ा फैसला लेते हुए और 351 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगा दी। इन उपकरणों में कई उप प्रणालियां और रक्षा उत्पादन के घटक शामिल हैं। अगले साल दिसंबर से शुरू होने वाली समय सीमा के तहत इन उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं होगी। बीते 16 महीनों में मंत्रालय की ओर से जारी की गई यह तीसरी सूची है। देश को सैन्य उपकरणों के निर्माण का केंद्र बनाने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। एक न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मंत्रालय ने 2,500 वस्तुओं की एक सूची भी जारी की है जिनका उत्पादन देश में ही किया जा रहा है। इनके बारे में कहा गया है कि साजो-सामान पहले ही स्वदेशी हो चुके हैं। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात पर निर्भरता को कम करने के प्रयासों के तहत रक्षा मंत्रालय लगातार ऐसे कदम उठा रहा है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगले तीन वर्षों में 351 आयातित वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जाएगा। जिस साजो-सामानों पर बैन लगाया गया है उनमें लेजर चेतावनी सेंसर, हाई प्रेशर चेक वाल्व, हाई प्रेशर ग्लोब वाल्व, घुसपैठ का पता लगाने की प्रणाली, विभिन्न प्रकार के केबल, साकेट और आसलेटर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि भारत 2024 तक 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफार्मों जैसे परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, क्रूज मिसाइल और सोनार सिस्टम के आयात को पूरी तरह रोक देगा।