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अदालत ने माना- गैरकानूनी तरीके से नुपुर सतीजा से ड्रग्स बरामद की गई, तलाशी लेने वाली महिला नहीं थी NCB अधिकारी

मुंबई क्रूज ड्रग केस (Mumbai Cruise Drug Case) में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को एक और झटका लगा है. NDPS की विशेष अदालत ने इस मामले में एक अन्य आरोपी नुपुर सतीजा (Nupur Satija) को जमानत देते हुए कहा है कि कथित तौर पर उसके पास से मादक पदार्थ की बरामदगी ‘गैरकानूनी’ थी. अदालत ने पाया कि ये बरामदगी एनसीबी अधिकारी की जगह किसी अन्य महिला ने की थी जो कि गैरकानूनी है. इस केस में शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan Drug Case) समेत नुपुर सतीजा और 20 अन्य लोग आरोपी हैं. नुपुर को भी 30 अक्टूबर को जमानत मिल गई थी हालांकि अदालत का पूरा आदेश शनिवार को सार्वजनिक हुआ है.

NCB ने मुंबई तट पर दो अक्टूबर को एक क्रूज जहाज पर छापा मारने के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया था. आर्यन को तीन सप्ताह बाद जमानत मिल गयी थी. मामले में सह-आरोपी सतीजा को 30 अक्टूबर को जमानत दे दी गयी थी लेकिन इसका विस्तारपूर्वक आदेश शनिवार को उपलब्ध हुआ. एनसीबी ने दावा किया था कि उसके पास से ‘एक्सटेसी’ की चार गोलियां बरामद हुई थी. विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल ने कहा कि एक महिला ‘पंच’ गवाह ने आरोपी की तलाशी ली थी लेकिन ”साथ ही कहा कि वहां कोई अन्य महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी और इस उद्देश्य के लिए अधिकृत व्यक्ति ने कोई पंचनामा नहीं किया.” अदालत ने कहा, ”अत: एनडीपीएस कानून के एक प्रावधान का उल्लंघन किया गया.”

बैकफुट पर NCB
क्रूज ड्रग्स केस में स्वतंत्र गवाह रहे प्रभाकर सइल द्वारा 25 करोड़ की रिश्वतखोरी का आरोप लगाने के बाद इस केस में NCB की विजलेंस टीम की एंट्री हो गई है. प्रभाकर ने कुछ स्वतंत्र गवाहों और NCB के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस केस में रिश्वतखोरी के एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विजलेंस टीम को वानखेड़े की टीम द्वारा 2 अक्टूबर को मुंबई तट के पास क्रूज जहाज कॉर्डेलिया पर की गई रेड में कई खामियां मिली हैं. एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में जांच कर रही 7 सदस्यों की टीम जल्द एनसीबी मुख्यालय को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी.

सूत्रों के मुताबिक, यह एक तरह से प्राइवेट ऑपरेशन (बाहरी लोगों की रेड) जैसा लग रहा है. जिस तरह से इस केस में पंचों (विटनेस) को फ्री हैंड दिया गया, इससे NCB के आलाधिकारी खुश नहीं हैं. इस केस में शामिल स्वतंत्र गवाहों को मिली छूट यह साबित करती है कि वे NCB के कुछ अधिकारियों को बहुत अच्छी तरह से जानते थे. विजलेंस जांच में सामने आया है कि इस रेड में शामिल कुछ स्वतंत्र गवाहों ने खुद को NCB का अधिकारी दिखाने का प्रयास कर शाहरुख खान के स्टाफ से पैसे वसूलने का काम किया. इसमें किरण गोसावी प्रमुख था, इसके अलावा कुछ अन्य गवाह भी विजलेंस टीम की रडार पर हैं.

गवाहों के बयान दर्ज करने में भी हुई खामियां
इस केस में FIR लिखने में भी हुई देरी कई सवाल खड़े करती है. गवाहों के बयान भी गलत ढंग से लिए गए. प्रभाकर सइल समेत कई स्वतंत्रत गवाहों ने यह आरोप भी लगाया है कि NCB के अधिकारियों ने उनसे कोरे कागज पर सिग्नेचर लिए थे. उधर एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि मुंबई आने के बाद एनसीबी की टीम ने सात गवाहों को अपनी जांच में शामिल किया है. साथ ही इलेक्ट्रानिक और दस्‍तावेजी साक्ष्‍य जुटाए हैं. टीम ने क्राइम सीन का दौरा किया है. उन्‍होंने आगे कहा- मामले की जांच अभी जारी है हम जल्दी किसी निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश करेंगे.

डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने आगे कहा कि हमें सिस्टम क्लीन करना है. हमसे भी गलती हो सकती है. अगर हमसे गलती हुई है तो उसे दुरुस्त करेंगे. कोई डिपार्टमेंट फुलप्रूफ नहीं होता है. उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. एफिडेविट में गवाह के नाम के अलावा NCB ऑफिसर्स भी रडार पर हो सकते हैं.

उधर एनसीबी मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक के दामाद समीर खान और दो अन्य आरोपियों की आवाज के नमूने लेने की अनुमति के लिए यहां एक विशेष अदालत पहुंचा. समीर खान और दो अन्य को इस साल जनवरी में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन स्वापक नियंत्रण एवं मन: प्रभावी पदार्थ कानून संबंधी मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने सितंबर में उनकी जमानत मंजूर कर ली थी. विशेष लोक अभियोजक अतुल सरपांडे ने कहा कि मामले में नए तथ्य सामने आए हैं, इसलिए एनसीबी ने यह अर्जी दायर की है. एनसीबी ने पहले दावा किया था कि आरोपियों ने 194.6 किलोग्राम गांजा खरीदने और बेचने की साजिश रची थी.

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