राज्य

पति को प्रेमी के साथ मिलकर उतार दिया था मौत के घाट, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में श्रीकरणपुर में अतिरिक्त जिला सेशन न्यायाधीश ने हत्या के पांच वर्ष पुराने एक प्रकरण में आरोपी महिला उसके प्रेमी और दोस्त को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। जानकारी के मुताबिक पदमपुर थाने में नौ दिसंबर 2016 को राजेंद्र सिंह उर्फ भोलू ने रिपोर्ट देकर उसके भाई जसविंदर सिंह की हत्या करने का उसकी पत्नी सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। जसविंदर सिंह की शादी 12-13 साल पहले रमनदीप कौर निवासी चक 13 बीबी से हुई थी। मृतक जसविंदर सिंह 10 साल से अपने ससुराल चक 13 बीबी में रह रहा था। आरोप लगाया गया था कि अवैध संबंध में बाधा बन रहे रमनदीपकौर ने प्रेमी रणजीतराम तथा उसके दोस्त राजेंद्रपाल सिंह से मिलकर हत्या करवा दी।

अपने ही बुने जाल में घिर गई थी पत्नी
जसविंदर सिंह को पहले नशे की गोलियां खिलाई गईं और मौत के घाट उतार दिया गया। छह दिसंबर 2016 को रमनदीप कौर ने अपनी मां को फोन कर कहा कि जसविंदर सिंह एक-दो दिन से गायब है। इसके बाद मामा मलकीत सिंह और चाचा बलदेव सिंह ने चक 13- बीबी में आकर पता किया तो रमनदीप कौर खुद ही संदेह के घेरे में आ गई। परिजनों द्वारा पूछताछ करने पर काफी ना-नुकुर के पश्चात उसने कबूल किया कि रणजीत राम उर्फ सोनू निवासी चक 1-सीसी से उसके तीन-चार साल से अवैध संबंध हैं। जसविंदर सिंह को इसका पता लग गया था और वह रोका-टोकी करने लगा।

रास्ते का रोड़ा बन गया था पति
आरोपी रणजीत सिंह उर्फ सोनू का भी अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। वह उसे छोड़कर मायके चली गई थी। रमनदीप-रणजीतआपस में घर बसाना चाहते थे लेकिन जसविंदर सिंह रास्ते का रोड़ा बन गया। दोनों ने मिलकर उसे हमेशा के लिए हटाने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक चार दिसंबर को रणजीत ने रमनदीप को नशे की गोलियां लाकर दी, जिसे सब्जी में मिलाकर रमनदीप ने पति को खिला दी। वह बेहोश हो गया।

इस तरह रास्ते से हटाया
रमनदीप ने फोन करके रणजीत को घर बुलाया। रणजीत मोटरसाइकिल पर दोस्त राजेंद्रपाल उर्फ राजू निवासी चक 1 सीसी को लेकर आ गया। मोटरसाइकिल पर वे जसविंदर को बेहोशी की हालत में उसे गांव से दूर ले गए। उसे मार कर एक कुएं में डाल कर आ गए। इस हत्याकांड का खुलासा होने पर पुलिस ने तीनों को षडयंत्रपूर्वक हत्या कर साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। श्रीकरणपुर में अतिरिक्त जिला सेशन जज ऋषिकुमार ने आज निर्णय देते हुए तीनों को धारा 302 में आजीवन कारावास और दो-दो हजार अर्थदंड, साक्ष्य मिटाने की धारा 201 के तहत सात-सात कठोर कारावास और दो-दो हजार जुमार्ना की सजा दी गई।

Related Articles

Back to top button