सुब्बाराव जी की उपस्थिति मात्र से शांति, अहिंसा, सद्भावना का वातावरण बन जाता- सिंधिया
मुरैना। आज क्षेत्र व देश में शोक का वातावरण उनके जाने से है, लेकिन इस दुनिया में जो आता है उसें जाना ही है। भाई सुब्बाराव जी (Bhai Subbarao ji) ने अपनी कार्य शैली, विनम्रता, स्नेह, आशीर्वाद से लाखों दिलों को छू लिया था। भाई सुब्बाराव जी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके दिखाये पथ पर उनकी आशा, अभिलाषा के अनुरूप हमारी कार्यशैली, चरित्र बन जायेगा। उनके जीवन का मूलमंत्र दु:ख, अन्याय, कटुता, अहिंसा को खोजकर उसे शांति में बदलना है। यह विचार भारत सरकार के नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में व्यक्त किये।
सिंधिया ने विश्व में चम्बल की शांति को प्रसारित करने वाले भाई सुब्बाराव जी को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनके साथ मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता इंदर हर्षाना, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेशपाल गुप्ता, अम्बाह विधायक कमलेश जाटव, पूर्व मंत्री गिर्राज डण्डौतिया, पूर्व विधायक रघुराज कंषाना, पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत मनोज पाल सिंह यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक तथा गांधीवादी सुब्बाराव जी के अनुयायी, गांधी सेवा आश्रम अध्यक्ष भाई पीव्ही राजगोपालन राजू, सचिव रन सिंह परमार सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। ग्वालियर से मुरैना होते हुये महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा पहुंचे श्री सिंधिया ने भाई सुब्बाराव जी के उपहारों, स्मृत्तियों का गहन अवलोकन किया। उन्होंने गांधीवादी सुब्बाराव जी के अनुयायियों से कहा कि महान क्षमता वाला एक अच्छा मानव चला गया, लेकिन उसकी यादें हम सभी के जहन में है।
मैं सौभाग्य मानता हूं कि कम समय में मुझे उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला। ऊपर से नीचे तक शिक्षित होने के साथ-साथ गांधीवादी विचारधारा के साथ शांति की निरंतर खोज के कारण खोजी आत्मा थे। त्याग, श्रद्धा, शांति का वातावरण उनके इर्द-गिर्द हमेशा बना रहता था। सुब्बाराव जी का व्यक्तित्व इसी से प्रदर्शित होता है कि उनके आभाष मात्र से ही शांति, अहिंसा व सद्भावना का वातावरण बन जाता है। उनके व्यक्तित्व को समझने के लिये उनके द्वारा सम्पन्न किये गये कार्याेें का अध्ययन करना होगा। भाई सुब्बाराव जी ने आदिवासियों के उत्थान के लिये उनके क्षेत्र में लम्बे समय तक कार्य किया।
हम उनके पथ पर पग से पग मिलाकर चलें तो एक दिन उन्हें जरूर पायेंगे। आगामी पीढ़ी को सुब्बाराव जी को समझने का वीणा उठाना होगा। हमें उनके कदमों के पीछे जाना ही होगा। चम्बल में बागियों की अशांति को खोजकर शांति उत्पन की। श्री सिंधिया ने सुब्बाराव जी की आत्मशांति के लिये गरीब आदिवासियों को वस्त्र वितरित किये। वह जौरा से सडक़ मार्ग द्वारा आगरा के लिये रवाना हो गये। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, एडीएम नरोत्तम भार्गव, एसडीएम जौरा विनोद सिंह, एसडीओपी जौरा मानवेन्द्र सिंह कुशवाह भी उपस्थित थे।