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सीमा विवाद को लेकर आज मीटिंग करेंगे असम और मेघालय के अधिकारी, दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच 12 इलाकों को लेकर विवाद

असम और मेघालय के अधिकारी शनिवार को दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर मीटिंग करेंगे. बैठक असम के सिलचर (Silchar) में होगी. इससे पहले 5 अक्टूबर को दोनों पूर्वोत्तर राज्यों ने लंबे समय से लंबित सीमा विवाद हल करने के लिए पहली बार अंतरराज्यीय सीमावर्ती इलाकों का संयुक्त निरीक्षण किया था. एक अधिकारी ने बताया कि मेघालय के मंत्री रेनिकतन लिंग्दोह तोंगखार और असम के मंत्री अतुल बोरा ने सोमवार को निरीक्षण पर अपने-अपने राज्यों की मंत्रिमंडल स्तर की समितियों की अगुवाई की.

इस दौरे का मकसद जमीनी हकीकत देखना था. मेघालय के मंत्री रेनिकतन लिंग्दोह तोंगखार ने कहा, “हालांकि इस दौरे के आधार पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा, लेकिन समितियां संबंधित मुख्यमंत्रियों को अपनी प्रतिक्रिया देंगी.” उन्होंने उम्मीद जतायी कि दोनों राज्य जल्द ही विवाद को हल कर लेंगे. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और कोंगराड संगमा ने सीमा मुद्दों पर चर्चा के लिए 23 जुलाई और 6 अगस्त को मुलाकात की थी. उस पहली बैठक के तीन दिन बाद, असम पुलिस और मिजोरम के उनके समकक्षों के बीच गोलाबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए थे.

दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच 12 इलाकों को लेकर विवाद है. इन इलाकों में से छह पर मामूली मतभेद हैं और राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर इन्हें हल करने पर फैसला करना है. दोनों राज्यों की सरकारों ने पहले चरण की चर्चा में इन आधा दर्जन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. ये छह क्षेत्र ताराबारी, गिजांग, फलिया, बकलापारा, पिलिंगकाटा और खानापारा हैं. असम के अनुसार, कछार, कामप्रप मेट्रो और कामरूप ग्रामीण उसके क्षेत्र में आते हैं. हालांकि, मेघालय का कहना है कि पश्चिम खासी हिल्स, री भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स उसके क्षेत्र के अंदर हैं.

मंत्रिमंडल ने बीते दिनों हाहिम, मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले में अरादोंग के अलावा सलबरी, मलछपरा, गामेरीमुरा, गोहानीमारा और गिजांग इलाकों का दौरा किया. उन्होंने मेघालय में जिरांग और असम में पलाशबारी का भी दौरा किया. एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने बताया कि अथियाबाडी का दौरा नहीं किया जा सका था क्योंकि गांव की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी पत्थर और सुपारी के पेड़ गिरे हुए थे. समितियों ने स्थानीय लोगों और ऑल राभा स्टूडेंट्स यूनियन, गारो स्टूडेंट्स यूनियन, राभा वुमेन काउंसिल और गारो वुमेन काउंसिल जैसे संगठनों के सदस्यों से बात की.

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