नई दिल्ली : तापमान में लगातार गिरावट के कारण देश के कई शहरों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में हेल्थ एक अहम मुद्दा बन जाता है। सर्दियों में इंफेक्शन, वायरस और बैक्टीरियां का प्रकोप ज्यादा होने से खांसी-जुकाम, गले में खराश, बुखार जैसी समस्याएं बढ़ जाती है। अब इन छोटी-छोटी मौसमी बीमारियों के लिए हर बार डॉक्टर के पास जाना और मेडिसिन लेना हर किसी के लिए संभव नहीं होता पाता है, और यह जरूरी भी नहीं है।
आयुर्वेद बताता हैं कि आपके रसोई घरों में दुनिया के सबसे पूराने चिकित्सा में इस्तेमाल किए जाने वाले कई जड़ी-बूटियां पहले से ही रखीं हुई हैं, जिन्हें आप सही तरह से इस्तेमाल करके मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। इतना ही नहीं ये मसाले आपको कैंसर, हार्ट डिजीज , डायबिटीज जैसे क्रोनिक बीमारियों से बचाने में भी मदद कर सकते हैं।
लौंग
लौंग में एंटीबैक्टिरियल गुण होता है। इसलिए डॉक्टर इसे गले की खराश को दूर करने के लिए सबसे अच्छे मसालों में से एक बताती हैं। इसके अलावा लौंग ब्लड शुगर को कंट्रोल करने जैसे स्वास्थ्य संबंधी फायदों से जुड़ा है।
जब भी आपको गले में खराश और खांसी हो तो आप 2-3 लौंग को चबा सकते हैं। नियमित रूप से 1 लौंग का भोजन में इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
हल्दी
हल्दी में एंटी-कैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं। हल्दी बॉडी को डिटॉक्स करके इम्यूनिटी को बूस्ट करती है। जिससे बार-बार होने वाली मौसमी बीमारी जैसे सर्दी- खांसी, वायरल के साथ कैंसर, हार्ट डिजीज जैसे रोगों से भी बचाव होता है।
रोज भोजन में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा हल्दी को दूध, पानी, सूप, चाय के साथ मिला मिलाकर पी सकते हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च को आयुर्वेद में मारीच कहा जाता है। काली मिर्च त्रिकटु का एक यौगिक है, जो किसी भी तरह की खांसी और सर्दी की स्थिति में बहुत अच्छा काम करता है। इसके साथ ही काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर, ब्लड शुगर, ब्रेन और गट हेल्थ में सुधार करने में कारगर होती है।
काली मिर्च को हल्दी और सोंठ के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए और इसका प्रयोग चाय में भी किया जाता है।
अदरक
एक्सपर्ट बताती हैं कि सूखा अदरक कफ दोष को संतुलित करने के लिए सबसे अच्छा है मसाला होता है। सर्दियों के समय बलगम की समस्या बहुत होती है। ऐसे में इसका नियमित सेवन नाक, फेफड़ों में भरे कफ को बाहर निकालने का काम करता है।
यदि आपको कफ है, तो इसे शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे दिन में 2-3 बार लें सकते हैं। ठंड में कफ से बचाव के लिए दिन में एक बार इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है।