दालों की कीमतें घटाने के लिए सरकार ने शुरू किया ‘भारत दाल’ का दूसरा चरण
नई दिल्ली: ग्राहक मामले मंत्रालय ने बुधवार को दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने सब्सिडी वाले दाल कार्यक्रम का विस्तार करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम के तहत चना साबुत और मसूर दाल को भारत ब्रांड में शामिल किया गया है। खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा लॉन्च किए गए इस पहल का उद्देश्य चना, मूंग और मसूर जैसी दालों को सहकारी खुदरा नेटवर्क और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से उपभोक्ताओं को छूट दरों पर उपलब्ध कराना है। जोशी ने ‘भारत दाल’ पहल के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद कहा, “हम कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए अपने बफर से दालों का वितरण कर रहे हैं।”
सरकार ने खुदरा हस्तक्षेप के माध्यम से वितरण के लिए 0.3 मिलियन टन (MT) चना और 68,000 टन मूंग आवंटित किए हैं। चना साबुत की कीमत अब 58 रुपये प्रति किलोग्राम, चना(split) की 70 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर दाल की 89 रुपये प्रति किलोग्राम होगी। ये दालें राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और केंद्रीय भंडार जैसी सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध होंगी। ये कीमतें बाजार की कीमतों से कम से कम 20% से 25% कम हैं।
यह कदम खाद्य कीमतों को स्थिर करने के सरकार के दूसरे चरण के तहत बफर स्टॉक को रिलीज़ करने का हिस्सा है। ‘भारत दाल’ बिक्री की फिर से शुरूआत इस त्योहार के मौसम के दौरान उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति को बढ़ाने की उम्मीद है।
जोशी ने कहा कि दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए NAFED और NCCF जैसी एजेंसियों ने पिछले खरीफ सीजन में किसानों को गुणवत्ता के बीज वितरित किए और तूर, उरद और मूंग जैसी दालों की खरीद मूल्य समर्थन योजना (MSP) पर सुनिश्चित की गई है। एक सरकारी बयान में कहा गया कि “इस साल खरीफ दालों के क्षेत्र में वृद्धि साथ ही निर्यात का निरंतर प्रवाह जुलाई 2024 से अधिकांश दालों की कीमतों में गिरावट के रुझान का कारण बना है। तूर दाल, उरद दाल, मूंग दाल और मसूर दाल की खुदरा कीमतें पिछले तीन महीनों में या तो घट गई हैं या स्थिर रही हैं।”
सितंबर में दालों में महंगाई 9.8% बढ़ी, जबकि अगस्त में यह 113% थी, क्योंकि कीमतें मजबूत खरीफ फसल और आयात के कारण कम हुई हैं। दालों की खुदरा महंगाई जून 2023 से दोहरे अंकों में बनी हुई है, क्योंकि चना, तूर और उरद जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन में कमी आई है। पिछले वर्ष अक्टूबर में सरकार ने ‘भारत’ ब्रांड के तहत अनिवार्य वस्तुओं जैसे गेहूं, चावल और दालों की बिक्री शुरू की थी, जो जून तक जारी रही। इसके अलावा सरकार इस समय प्याज की कीमत 35 रुपए प्रति किलोग्राम और टमाटर की 65 रुपये प्रति किलोग्राम पर मूल्य हस्तक्षेप लागू कर रही है, जो सहकारी संस्थाओं और अन्य एजेंसियों के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं को वितरित की जा रही है।