राज्य

100 से अधिक गांवों में आदर्श ग्राम कौशल के जरिए युवाओं को प्रशिक्षिण

नई दिल्ली: कौशल विकास मंत्रालय, आदर्श ग्राम कौशल शिविर (एजीएससी) के माध्यम से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के 100 से अधिक गांवों में प्रशिक्षित उम्मीदवारों को प्रमाणित करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य 15,000 से अधिक श्रमिकों को कौशल-आधारित प्रमाणन प्रदान करके कुशल श्रमिकों का प्रतिशत बढ़ाना है। अब तक, 24 गांवों में 2,200 से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है। इच्छुक उम्मीदवार भविष्य के शिविरों के लिए खुद को पंजीकृत कर सकते हैं।

राजेश अग्रवाल, सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कहा कि ग्रामीण भारत में निश्चित रूप से बहुत अधिक संभावनाएं हैं, और हमारा मानना है कि उचित कौशल प्रशिक्षण और इसके सकारात्मक सुदृढ़ीकरण से इन क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने आगे कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की दिशा में एक आवश्यक पहल है। उन्होंने कहा कि इस सपने को साकार करने के लिए संकल्प कार्यक्रम के तहत चलाए गए आदर्श ग्राम कौशल शिविर जमीनी स्तर पर श्रमिकों को उनकी रोजगार क्षमता, उध्र्व गतिशीलता और कौशल को औपचारिक रूप देकर सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पहल न केवल कार्यबल में विश्वास पैदा करेगी, बल्कि राष्ट्रीय विकास में एक प्रमुख योगदानकर्ता भी बनेगी। आदर्श ग्राम कौशल शिविर परियोजना के तहत, साप्ताहिक आरपीएल शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यबल के कौशल को पहचानने, औपचारिक रूप से प्रमाणित करने और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ने के प्रयास में, स्किल इंडिया मिशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में उम्मीदवारों के लिए एक विशेष (आरपीएल) कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

14 दिसंबर को प्रयागराज में 100 उम्मीदवारों तकनीशियन की नौकरी के लिए प्रमाणित किया गया है। इसी तरह, 15 दिसंबर लगभग 116 अतिरिक्त उम्मीदवारों को यार्न में पारंपरिक स्नैक और सेवरी निर्माताओं के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार भविष्य के शिविरों के लिए खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। इसमें ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि वे संभावित उम्मीदवारों के बीच उपयुक्त नौकरी की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

Related Articles

Back to top button