( नमामि गंगे प्रोजेक्ट में उत्तराखंड को मिली 118 करोड़ रुपये की सौगात )
देहरादून: माँ गंगा भारत में जन जन की आस्था का केंद्र बिंदु हैं। गंगोत्री से हरिद्वार तक का अविरल निश्छल प्रवाह उत्तराखंड के प्रवाह और गति का प्रतीक है। इसकी शुद्धता और पवित्रता बनाये रखने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में नमामि गंगे प्रोजेक्ट को अधिक से अधिक उपलब्धिमूलक और परिणाममूलक बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। यही कारण है कि राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए चल रही नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड को केंद्र सरकार से सौगात मिलने का सिलसिला लगातार जारी है और इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की हाल ही में हुई कार्यकारी समिति की बैठक में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत देवभूमि उत्तराखंड में 118 करोड़ रुपये की लागत वाली छह योजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन योजनाओं की स्वीकृति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रति आभार व्यक्त किया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक में उत्तराखंड की ओर से नमामि गंगे परियोजना के लिए भेजी गई छह योजनाओं के प्रस्तावों पर विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया है। इन योजनाओं में ऋषिकेश क्षेत्र के अंतर्गत मुनिकी रेती, ढालवाला, स्वर्गाश्रम व नीलकंठ में अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए 90.90 करोड़ की योजना मुख्य है।
क्या है 6 योजनाओं की रूपरेखा :
इसके अंतर्गत इन क्षेत्रों में 12.80 एमएलडी क्षमता के चार सीवरेज शोधन संयंत्रों की स्थापना, सीवर लाइन व सीवेज पंपिंग स्टेशन से संबंधित कार्य होंगे। इसके अलावा बदरीनाथ धाम में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के अंतर्गत सुरक्षात्मक कार्य, इलेक्ट्रिक वाहन ट्रैक, शौचालय व दुकानों के निर्माण को 27.18 करोड़ की लागत से कार्य होंगे। इससे उत्तराखंड की निर्मलता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार दिल्ली दौरे के जरिये पीएम मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते रहते हैं । इसके जरिये संवाद और विश्वास का एक अटूट तंत्र उन्होंने उत्तराखंडवासियों के हित में विकसित किया है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट तो एक योजना है , मुख्यमंत्री धामी की शीर्ष नेतृत्व से चर्चा का केंद्र बिंदु उत्तराखंड के बहुआयामी विकास की रणनीति को लेकर ही रहता है।
मुख्यमंत्री धामी की गंगा की निर्मलता को बनाये रखने की प्रतिबद्धता को देखें तो पता चलता है कि यह विषय उनके प्राथमिक एजेंडे में है । गंगा की शुद्धता को उन्होंने पर्यटन विकास से जोड़ कर देखा है। गंगा संरक्षण को मुख्यमंत्री धामी जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण का द्वार मानते है । अभी कुछ ही समय पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदत्त निर्देशों के क्रम में अपर सचिव, पेयजल नमामि गंगे उदय राज सिंह द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए कुमाऊँ मण्डल के जनपद चंपावत के शारदा नदी के तट पर टनकपुर नगर में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्य एवं बनबसा नगर में मोक्ष एवं स्नान घाट निर्माण नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत कराए जाने हेतु सर्वे टीम जनपद चंपावत भेजी गयी। टनकपुर पहुंचकर सर्वप्रथम सर्वे टीम द्वारा बूम घाट, किरोला नाला, शारदा घाट, का सर्वे किया गया, जिसके दौरान सर्वे टीम द्वारा टनकपुर में शारदा नदी के तट के निकट रिवर फ्रन्ट कार्य हेतु सम्पूर्ण संभावनाएं, पर्यटन, स्नान घाट एवं मोक्ष घाटों का जायजा लिया गया। इससे धामी सरकार की नमामि गंगे प्रोजेक्ट की सफलता के प्रति वचनबद्धता जाहिर होती है।
( लेखक दस्तक टाइम्स के उत्तराखंड संपादक हैं )