लगातार 3 भूकंप के झटके से तबाह हो गया तुर्की-सीरिया, अबतक 4000 लोगों की मौत, 15000 घायल, सैकड़ों मलबे में दबे, रेस्क्यू जारी
अजमरीन (सीरिया): दक्षिण पूर्वी तुर्की और दक्षिणी सीरिया (southeastern Turkey and southern Syria) में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप (earthquake) में अबतक 4000 से अधिक लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। मौतों की संख्या और बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में करीब 15000 से अधिक लोग घायल हैं। सैकड़ों लोग अभी भी मलबे में दबे हैं। रेस्क्यू (rescue) जारी है। भूकंप से सैकड़ों इमारत ढह गई हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की और सीरिया में आए घातक भूकंप के कारण अब तक 4,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है। तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार 3 भूकंप आए।
भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्की के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ NDRF की टीम गाज़ियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे से तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में खोज कार्यों के लिए रवाना हुई। NDRF, DIG ऑपरेशन और प्रशिक्षण, मोहसेन शाहेदी ने कहा कि तुर्की और सीरिया में भयानक भूकंप आने से कई लोगों की मृत्यु हुई है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने NDRF की 2 टीमें वहां भेजने का निर्णय लिया है। NDRF डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने कहा कि इस बचाव अभियान में हमारी टीम में 47 लोग हैं जिनके साथ 3 वरिष्ठ अधिकारी हैं। हमारे साथ पैरामेडिकल स्टाफ और मेडिकल उपकरण भी है।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था। तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है।