गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त राष्ट्र के 2030 के विकास एजेंडा तथा सतत विकास के लक्ष्य को बहुत बड़ा और जटिल बताते हुए रविवार को कहा कि इसके लिए कायदा कानून पर बल देना जरूरी है।
सिंह ने 2030 के विकास एजेंडा के समर्थन के लिए विधि-शासन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बिना कायदा कानून के सतत विकास संभव नहीं है और इसके लिए शांति एवं स्वच्छता का माहौल अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में 190 से अधिक देशों द्वारा अंगीकृत संयुक्त राष्ट्र के 2030 का एजेंडा एवं सतत विकास लक्ष्य अर्जित करने के लिहाज से जटिल और बृहत है। उनका कहना था कि इसके लिए संपन्न वर्गों एवं निर्धनों के बीच की खाई को कम करने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पर्यावरण शासन मुहैया कराने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए नीति आधारित निर्णय लेने और भेदभाव न करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि प्रक्रियाएं पारदर्शी होंगी और उनका लक्ष्य अनुपालन सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार सतत तरीके से देश को ऊर्जा कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ कोयले पर 400 रुपए प्रति टन के अधिभार का उपयोग ‘नमामी गंगे’ तथा नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर किया जाएगा।