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UN ने नॉर्थ कोरिया पर लगाए प्रतिबंध, डोनाल्ड ट्रंप बोले- सुधर जाओ, नहीं तो बर्बाद हो जाओगे

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नॉर्थ कोरिया के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए है, जिनमें सबसे कड़ा प्रतिबंध निर्यात को लेकर है, चूंकि नॉर्थ कोरिया नकदी पर निर्भर रहने वाला देश है । इसलिए निर्यात के प्रतिबंध से उसे तगड़ा झटका लग सकता है । हालांकि ये 2006 के परमाण परीक्षण के बाद से नॉर्थ कोरिया पर सातवीं बार लगा प्रतिबंध हैं । लेकिन नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को इससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ने वाला है । उसका व्यवहार अभी वैसा ही है ।

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UN ने नॉर्थ कोरिया पर लगाए प्रतिबंध, डोनाल्ड ट्रंप बोले- सुधर जाओ, नहीं तो बर्बाद हो जाओगेदरअसल आपको बता दें कि तानाशाह किम जोंग उन अपनी सनक के लिए हमेशा चर्चा में रहता है वो चाहे अपने मत्रियों को तोपे से उड़ाने का सवाल हो, या अपनी गर्लफ्रेंड को कुत्तों से नोचवाकर मार डालने की बात हो । तानाशाह जरा सी भी गलती पर अपनों तक को नहीं छोड़ता है । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नॉर्थ कोरिया के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध और कड़े करने को लेकर अमेरिका द्वारा तैयार प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। नॉर्थ कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षणों के बाद कोरियाई प्रांत में गहराते गतिरोध को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नॉर्थ कोरिया पर कड़े निर्यात संबंधी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं, जिसके तहत प्योंगयांग को सालाना एक अरब डॉलर का नुकसान होगा । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद से नॉर्थ कोरिया के खिलाफ उठाया गया यह पहला बढ़ा कदम है और उसने अपने सहयोगी को कड़ा सबक सिखाते हुए एक तरह से चीन को भी चेता दिया है ।

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दरअसल आपको बता दें कि नॉर्थ कोरिया का कारोबार नकद होने की वजह से वो नकदी पर ही निर्भर है । देश से मछलियों और सीफूड के साथ-साथ कोयला, लौह, लौह अयस्क के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। अगर सभी देश इस प्रतिबंध को लागू कर देते हैं, तो इससे नॉर्थ कोरिया को हर साल निर्यात से होने वाली तीन अरब डॉलर की कमाई में एक तिहाई आय कम हो जाएगी । 

चीन के साथ करीब एक महीने की बातचीत के बाद अमेरिका ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया था। आपको बता दें कि चीन नॉर्थ कोरिया का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। इन प्रतिबंधों का मसौदा चार जुलाई को नॉर्थ कोरिया द्वारा किए गए अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद तैयार किया गया था। लेकिन जब तक मसौदे ने अंतिम रूप लिया, तब तक 28 जुलाई को नॉर्थ कोरिया ने एक और बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण कर लिया था। 

 

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