स्टेडियमों में अनाधिकृत शिविर अब नहीं, बेहतरी के लिए प्लेयर्स से होगी बात
लखनऊ। यूपी के खेल विभाग के अंतर्गत विभिन्न स्टेडियमों में चल रहे अनाधिकृत शिविर अब नहीं चल पाएंगे। यह बात आज प्रदेश सरकार के खेल व युवा क‘ल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी ने आज केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित खेल विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कही। खेल मंत्री ने इसी के साथ यह भी निर्देश दिया कि अपने जिलों के महिला व पुरूष खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार करते हुए उनसे संवाद करके खेल की बेहतरी के लिए सुझाव ले।
खेल मंत्री ने यह भी कहा कि सभी क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अपने मंडल के अधीनस्थ जनपदों का निरीक्षण माह में न्यूनतम दो बार करे और निरीक्षण के बाद रिपोर्ट आख्या फोटोग्राफ्स सहित षासन एवं निदेशालय को उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने इसी के साथ पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘फिट इण्डिया मूवमेंट’ के अंतर्गत जिलों में विद्यालयों में सम्पर्क स्थापित कर खेलों के प्रति ज्यादा जागरुकता पैदा करेे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बलिया में निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कालेज का नामकरण भारत के भूतपूर्व पीएम स्व. चन्द्रशेखर के नाम पर रखा जाएगा। खेल मंत्री ने बैठक में खेल विभाग के स्टेडियमों में चल रहे अनाधिकृत शिविरों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को कहा कि स्टेडियम में अनाधिकृत प्रशिक्षण शिविरों का संचालन न किया जाए। अगर किसी जिले में ऐसे शिविरों के संचालन की शिकायत मिली तो संबन्धित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही होगी।
खेल मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिलों में मौजूद खिलाड़ियों का नाम, पता व मोबाइल नम्बर का विवरण संकलित करके उनके साथ बैठक करे ताकि उनके सुझावों का खेल की बेहतरी के लिए उपयोग हो सके।
बैठक में स्पोट्र्स हास्टल में खिलाड़ियों के पेयजल के लिए आरओ की व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए। खेल मंत्री ने ये भी कहा कि स्टेडियम में आने वाले प्रशिक्षुओं के पहचान पत्र पूरे प्रदेश में एक जैसे बनवाए जायें। इसी के साथ स्टेडियम में आने वाले व्यक्तियों एवं खिलाड़ियों को निर्धारित किट में आने के लिए कहा जाये।
उन्होंने ये भी कहा कि खेल निदेशालय, मुख्यालय स्तर पर तैनात संयुक्त खेल निदेशक व उप खेल निदेशक खेल अपने आवंटित मंडल के जनपदों का निरीक्षण माह में दो बार अवश्य करें। इसी के साथ स्पोर्ट्स कालेज एवं छात्रावास में प्रवेश के लिए ट्रायल पारदर्शिता के आधार पर कराने का निर्देश भी दिया। वहीं आगरा, प्रयागराज, रामपुर, मुरादाबाद एवं गाजियाबाद में पिछले साल के मुकाबले कम राजस्व प्राप्ति पर संबंधित अधिकारियों से का स्पश्टीकरण मंागने का निर्देश दिया। इस अवसर पर खेल निदेशक डा.आरपी सिंह, राजेश कुमार (विशेष सचिव, खेल), अनिल कुमार बनौधा (संयुक्त खेल निदेशक), उपनिदेशक गण आरएन सिंह व एसएस मिश्रा के साथ अन्य भी मौजूद रहे।