बाड़मेर/जयपुर : राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की सरहद (Indo-Pakistan Border) पर स्थित बाड़मेर जिले में निर्माणाधीन भूमिगत टंकी (Water Tank) के ढहने से तीन मनरेगा मजदूरों की मलबे में दबने से दर्दनाक मौत हो गई. मिट्टी में दबे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए कई घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा. उसके बाद तीनों मजदूरों के शवों को बाहर निकाला गया. उन्हें बायतु के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
शवों का बुधवार को पोस्टमार्टम करवाया जायेगा. बाड़मेर की पंचायत समिति गिड़ा की ग्राम पंचायत खारड़ा भारत सिंह के दर्जियों की ढाणी में मनरेगा के तहत पानी के टांके (भूमिगत टंकी) का निर्माण कार्य चल रहा था. मंगलवार को दोपहर बाद यह निर्माणाधीन टांका अचानक ढह गया.
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इस टांके का निर्माण करीब 20 फीट की गहराई तक किया जा चुका था. 20 फीट नीचे फर्मा ढहने से यह हादसा हुआ. हादसे के बाद सैकड़ों ग्रामीणों की वहां भीड़ एकत्रित हो गई. टांका ढहने से 3 श्रमिक उसकी मिट्टी में दब गए. घटना की जानकारी मिलते ही गिड़ा उपखंड अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक और तहसीलदार पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य शुरू करवाया.
जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से टांके में दबे श्रमिकों को निकालने का कार्य शुरू किया गया. 8 फरमे सहित टांका ढहने से मिट्टी में दबे मजदूरों को निकालने में काफी लंबा वक्त लगा. तीनों मजदूर करीब 5 घंटों से अधिक समय तक सैकड़ों टन मिट्टी के नीचे दबे रहे. टांके में से तीनों मजदूरों को निकालने के लिए ग्रामीण भी प्रशासनिक अमले के साथ जुटे रहे. देर रात तीनों मजदूरों को मिट्टी से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनका दम टूट चुका था. हादसे में मारे गये मजदूरों की पहचान अचलदान चारण, पेमाराम सोनी और दलाराम दर्जी के रूप में हुई है. बुधवार को उनके शवों का पोस्टमार्टम करवाकर उन्हें परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा.
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