RSS के दबाव में स्वतंत्रदेव को देना पड़ा प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का इस्तीफा इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें भी रोचक यह है कि बीजेपी के अंदरखाने ही इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जब बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे की कोई परिपाटी नहीं है तो फिर उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा। दरअसल सबसे बड़ी खबर ये है कि स्वतंत्रदेव सिंह ने इच्छा से नहीं बल्कि RSS के कहने पर इस्तीफा दिया था।
सूत्रों की माने तो जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक के आरोपों के बाद ही स्वतंत्रदेव सिंह की कुर्सी हिल गई थी। वो तो सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी निकटता की वजह से जलशक्ति मंत्री की कुर्सी बच गई। लेकिन सूत्रों का यह भी दावा है कि देर सबेर कभी भी स्वतंत्रदेव सिंह पर गाज गिर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी गई लेकिन योगी ने बचाया मंत्री पद ? जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के नीचे काम करने वाले जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने विभाग में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद से ही संघ सक्रिय हो गया था। चूंकि दिनेश खटीक भी संघ बैकग्राउंड सेआते हैं और उनके पिता भी संघ के पदाधिकारी रह चुके हैं, इस नाते संघ में उनकी अच्छी पकड़ है।
खटीक ने अपने पत्र में जो आरोप लगाए थे उससे बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहा था। दबाव इस कदर बढ़ा कि स्वतंत्रदेव सिंह को योगी के दरबार में जाकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि संघ के दबाव में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद तो छोड़ना पड़ा लेकिन योगी ने बतौर कैबिनेट मंत्री उनको अभयदान दे दिया नहीं तो मंत्री की कुर्सी भी जानी तय थी।